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सूक्ष्म डेयरी प्रबंधन और प्रगतिशील खेती की प्रशिक्षण के लिए किसानों का दल धौलपुर रवाना

भरतपुर के 45 किसानों के लिए नई पहल की गई है. धौलपुर में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए रवाना हो गए.

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प्रगतिशील खेती के प्रशिक्षण के लिए किसानों का दल धौलपुर रवाना
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Published : Feb 7, 2020, 10:13 AM IST

भरतपुर. कृषि विभाग की आत्मा योजना के अंतर्गत धौलपुर में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए भरतपुर जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के 45 किसानों को सरसों अनुसंधान निदेशालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया. इन सभी किसानों को धौलपुर में सूक्ष्म डेयरी प्रबंधन और प्रगतिशील खेती पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

प्रगतिशील खेती के प्रशिक्षण के लिए किसानों का दल धौलपुर रवाना

कृषि विभाग के आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों को सबसे पहले रुदावल के प्रगतिशील किसान अजीत पूनिया के पॉली हाउस का भ्रमण कराया जाएगा. यहां से किसान पॉली हाउस तकनीक से खेती के बारे में जानकारी ले सकेंगे.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेरः दोहरी मार झेल रहे टिड्डी प्रभावित इलाके के किसान

इसके बाद सभी किसानों को धौलपुर की राजाखेड़ा पंचायत समिति में किन्नू के बगीचों का भ्रमण कराकर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. फिर बूंद-बूंद सिंचाई योजना से आलू की खेती का भ्रमण करा कर बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के बारे में जानकारी दी जाएगी.

माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण...

आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि धौलपुर में संचालित डेयरियो का भ्रमण कराया जाएगा. किसानों को माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि किसान एक मिनी डेरी संचालित कर आत्मनिर्भर बन सकें.

यह भी पढ़ेंः गहलोत सरकार टिड्डी प्रभावित किसानों की मदद करने में नाकामः वसुंधरा राजे

प्रशिक्षण पर जा रहे किसानों के साथ ही जिले के अन्य किसानों से सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने प्रगतिशील खेती को अपनाने की अपील की. साथ ही उन्होंने किसानों से तिलहन फसल के रूप में सरसों की फसल को बढ़ावा देने की बात भी कही. इस अवसर पर निदेशालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक अशोक कुमार शर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत जिले के किसानों को समय-समय पर अन्य जिलों और राज्यों में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. इसी के तहत 45 किसानों को धौलपुर में कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए भेजा गया है.

भरतपुर. कृषि विभाग की आत्मा योजना के अंतर्गत धौलपुर में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए भरतपुर जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के 45 किसानों को सरसों अनुसंधान निदेशालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया. इन सभी किसानों को धौलपुर में सूक्ष्म डेयरी प्रबंधन और प्रगतिशील खेती पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

प्रगतिशील खेती के प्रशिक्षण के लिए किसानों का दल धौलपुर रवाना

कृषि विभाग के आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों को सबसे पहले रुदावल के प्रगतिशील किसान अजीत पूनिया के पॉली हाउस का भ्रमण कराया जाएगा. यहां से किसान पॉली हाउस तकनीक से खेती के बारे में जानकारी ले सकेंगे.

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इसके बाद सभी किसानों को धौलपुर की राजाखेड़ा पंचायत समिति में किन्नू के बगीचों का भ्रमण कराकर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. फिर बूंद-बूंद सिंचाई योजना से आलू की खेती का भ्रमण करा कर बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के बारे में जानकारी दी जाएगी.

माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण...

आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि धौलपुर में संचालित डेयरियो का भ्रमण कराया जाएगा. किसानों को माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि किसान एक मिनी डेरी संचालित कर आत्मनिर्भर बन सकें.

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प्रशिक्षण पर जा रहे किसानों के साथ ही जिले के अन्य किसानों से सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने प्रगतिशील खेती को अपनाने की अपील की. साथ ही उन्होंने किसानों से तिलहन फसल के रूप में सरसों की फसल को बढ़ावा देने की बात भी कही. इस अवसर पर निदेशालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक अशोक कुमार शर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत जिले के किसानों को समय-समय पर अन्य जिलों और राज्यों में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है. इसी के तहत 45 किसानों को धौलपुर में कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए भेजा गया है.

Intro:भरतपुर. कृषि विभाग की आत्मा योजना के अंतर्गत धौलपुर में आयोजित होने वाले पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए भरतपुर जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के 45 किसानों को सरसों अनुसंधान निदेशालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। निदेशालय के निदेशक डॉ पीके राय ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया। इन सभी किसानों को धौलपुर में सूक्ष्म डेयरी प्रबंधन और प्रगतिशील खेती पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।


Body:कृषि विभाग के आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों को सबसे पहले रुदावल के प्रगतिशील किसान अजीत पूनिया के पॉलीहाउस का भ्रमण कराया जाएगा। यहां से किसान पॉली हाउस तकनीक से खेती के बारे में जानकारी ले सकेंगे। इसके बाद सभी किसानों को
धौलपुर की राजाखेड़ा पंचायत समिति में किन्नू के बगीचों का भ्रमण कराकर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। फिर बूंद बूंद सिंचाई योजना से आलू की खेती का भ्रमण करा कर बूंद बूंद सिंचाई पद्धति के बारे में जानकारी दी जाएगी।

माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण
आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि धौलपुर में संचालित डेयरियो का भ्रमण कराया जाएगा और किसानों को माइक्रो डेयरी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि किसान एक मिनी डेरी संचालित कर आत्मनिर्भर बन सकें।

प्रशिक्षण पर जा रहे किसानों के साथ ही जिले के अन्य किसानों से सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ पीके राय ने प्रगतिशील खेती को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने किसानों से तिलहन फसल के रूप में सरसों की फसल को बढ़ावा देने की बात भी कही। इस अवसर पर निदेशालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक अशोक कुमार शर्मा व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


Conclusion:गौरतलब है कि कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत जिले के किसानों को समय-समय पर अन्य जिलों व राज्यों में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। इसी के तहत 45 किसानों को धौलपुर में कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए भेजा गया है।

बाईट- डॉ पी के राय, निदेशक, सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर ( चश्मे में)

बाईट 2 - योगेश कुमार शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर (आत्मा), कृषि विभाग, भरतपुर
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