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ई-रिक्शा से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की सैर कर सकेंगे सैलानी...जल्द शुरू हो सकती है सुविधा

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Published : Jun 26, 2022, 10:23 PM IST

केवलादे राष्ट्रीय उद्यान में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या को देखत हुए घना प्रशासन ने ई-रिक्शा की सुविधा में विस्तार की योजना बनाई है. ऐसे में आने वाले सीजन में पर्यटकों को उद्यान की सैर के लिए रिक्शे की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा. घना प्रशासन 30 नए ई-रिक्शे का प्रस्ताव (e rickshaw facility in Keoladeo National Park) तैयार कर मुख्यालय भेजा गया है.

e rickshaw facility in Keoladeo National Park
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में ई रिक्शा

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पर्यटकों को आगामी सीजन में ई-रिक्शा की सुविधा मिल सकेगी. पर्यटन सीजन के पीक में पर्यटकों के लिए रिक्शा की कमी को देखते हुए घना प्रशासन ने ई-रिक्शा का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है. उससे पहले जल्द ही घना प्रशासन करीब 10 ई-रिक्शा ट्रायल के रूप में संचालित करेगा. आगामी सीजन में पर्यटकों को घना घूमने के लिए साधन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.

30 ई-रिक्शा चलाने की है योजना
घना डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि हाल ही में घना के लिए ई-रिक्शा का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है. प्रथम चरण में 30 ई-रिक्शा संचालित (e rickshaw facility in Keoladeo National Park) करने की योजना है. इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और अगले सप्ताह उच्चाधिकारियों में साथ बैठक के बाद इसको अंतिम रूप दिया जाएगा. उससे पहले हम घना में ट्रायल के रूप में दस ई-रिक्शा संचालित करेंगे और रिक्शा चालकों को जरूरी प्रशिक्षण भी देंगे.

पढ़ें. Flamingo in Ghana National Park : पांचना से पर्याप्त पानी मिला तो 6 साल बाद बड़ी संख्या में घना लौटे राजहंस, रास आई आबोहवा...डेढ़ माह से डाले हैं डेरा

खरीदने के लिए मदद: डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि योजना के तहत ई-रिक्शा खरीदने के लिए रिक्शा चालकों को घना प्रशासन बैंकों के माध्यम से लोन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा. ताकि रिक्शा चालकों पर आर्थिक भार नहीं पड़े. इसके साथ ही ई-रिक्शा के रखरखाव के लिए किसी भामाशाह की मदद भी ली जाएगी.

सुविधाएं विकसित की जाएंगी: ई-रिक्शा संचालित करने के लिए घना के मुख्य द्वार पर कई सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. इनमें ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए फास्ट चार्जिंग पॉइंट लगवाए जाएंगे जिससे ई-रिक्शा कम समय में चार्ज हो सके. इसके साथ ही ई-रिक्शा विजिट का समय और शुल्क भी जल्द ही निर्धारित कर दिया जाएगा.

पढ़ें. Knowledge Store of Keoladeo : पक्षियों के स्वर्ग में डॉ सलीम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर..जहां मिलती है कुदरत की अद्भुत जानकारियां

कम पड़ जाते हैं शहरभर के रिक्शा
असल में सर्दियों के मौसम में एक पर्यटन सीजन में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने पहुंचते हैं. वर्तमान में केवलादेव उद्यान में करीब 125 ई-रिक्शा संचालित हैं. पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए कई बार घना प्रशासन शहर के प्राइवेट रिक्शों को भी उद्यान में लगाता है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में पर्यटकों को घना घूमने के लिए रिक्शे नहीं मिल पाते हैं इसी समस्या को देखते हुए घना प्रशासन ई-रिक्शा के लिए तैयारियां कर रहा है.

पढ़ें. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में औषधीय भंडार, 200 से अधिक प्रजाति के 'गुणी' पौधे चिन्हित

गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 28.73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सर्दियों के मौसम में यहां पर 350 से अधिक देशी और विदेशी प्रजाति के पक्षी प्रवास करते हैं. जिन्हें देखने के लिए हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख से अधिक पर्यटक आते हैं. हालांकि बीते कोविड काल मे घना में काफी कम संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे लेकिन इस बार देशी पर्यटकों की संख्या अच्छी रहने की संभावना है.

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पर्यटकों को आगामी सीजन में ई-रिक्शा की सुविधा मिल सकेगी. पर्यटन सीजन के पीक में पर्यटकों के लिए रिक्शा की कमी को देखते हुए घना प्रशासन ने ई-रिक्शा का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है. उससे पहले जल्द ही घना प्रशासन करीब 10 ई-रिक्शा ट्रायल के रूप में संचालित करेगा. आगामी सीजन में पर्यटकों को घना घूमने के लिए साधन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.

30 ई-रिक्शा चलाने की है योजना
घना डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि हाल ही में घना के लिए ई-रिक्शा का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है. प्रथम चरण में 30 ई-रिक्शा संचालित (e rickshaw facility in Keoladeo National Park) करने की योजना है. इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और अगले सप्ताह उच्चाधिकारियों में साथ बैठक के बाद इसको अंतिम रूप दिया जाएगा. उससे पहले हम घना में ट्रायल के रूप में दस ई-रिक्शा संचालित करेंगे और रिक्शा चालकों को जरूरी प्रशिक्षण भी देंगे.

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खरीदने के लिए मदद: डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि योजना के तहत ई-रिक्शा खरीदने के लिए रिक्शा चालकों को घना प्रशासन बैंकों के माध्यम से लोन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगा. ताकि रिक्शा चालकों पर आर्थिक भार नहीं पड़े. इसके साथ ही ई-रिक्शा के रखरखाव के लिए किसी भामाशाह की मदद भी ली जाएगी.

सुविधाएं विकसित की जाएंगी: ई-रिक्शा संचालित करने के लिए घना के मुख्य द्वार पर कई सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. इनमें ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए फास्ट चार्जिंग पॉइंट लगवाए जाएंगे जिससे ई-रिक्शा कम समय में चार्ज हो सके. इसके साथ ही ई-रिक्शा विजिट का समय और शुल्क भी जल्द ही निर्धारित कर दिया जाएगा.

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कम पड़ जाते हैं शहरभर के रिक्शा
असल में सर्दियों के मौसम में एक पर्यटन सीजन में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने पहुंचते हैं. वर्तमान में केवलादेव उद्यान में करीब 125 ई-रिक्शा संचालित हैं. पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए कई बार घना प्रशासन शहर के प्राइवेट रिक्शों को भी उद्यान में लगाता है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में पर्यटकों को घना घूमने के लिए रिक्शे नहीं मिल पाते हैं इसी समस्या को देखते हुए घना प्रशासन ई-रिक्शा के लिए तैयारियां कर रहा है.

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गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 28.73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सर्दियों के मौसम में यहां पर 350 से अधिक देशी और विदेशी प्रजाति के पक्षी प्रवास करते हैं. जिन्हें देखने के लिए हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख से अधिक पर्यटक आते हैं. हालांकि बीते कोविड काल मे घना में काफी कम संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे लेकिन इस बार देशी पर्यटकों की संख्या अच्छी रहने की संभावना है.

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