भरतपुर. प्रदेशभर में 20 अगस्त से इंदिरा रसोई की शुरुआत हो गई है. इसके तहत गरीब लोगों को मात्र 8 रुपए में पोष्टिक भोजन मुहैया कराया जाएगा. जिले के कुम्हेर कस्बे में भी प्रशासन की तरफ से इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई, जिसको लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने निजी बिल्डिंग में रसोई शुरू करने का विरोध किया और मौके पर लगे पोस्टर भी फाड़ दिए. जिसके बाद प्रशासन ने सरकारी बिल्डिंग में रसोई को ट्रांसफर कर दिया, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ.
स्थानीय लोगों का कहना था कि सरकार की तरफ से चलाई जा रही इंदिरा रसोई को एक निजी बिल्डिंग में संचालित नहीं करना चाहिए. पहले इंदिरा रसोई को अंबेडकर भवन में संचालित किया गया था लेकिन लोगों ने कहा कि ये एक समाज विशेष की निजी इमारत है. जिसके बाद प्रशासन ने नगर पालिका की बिल्डिंग में इंदिरा रसोई को शिफ्ट कर दिया.
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जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि भरतपुर जिले में 16 जगहों पर इंदिरा रसोई का शुभारंभ किया गया है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार सुबह साढ़े 8 बजे से ही सभी जगह रसोई शुरू कर दी गई थी. प्रत्येक रसोई में 8 रुपए देकर कोई भी व्यक्ति पोष्टिक भोजन कर सकता है. गहलोत सरकार की इस योजना के नाम को लेकर भाजपा हमलावर है. भाजपा का कहना है कि नेहरू-गांधी परिवार को खुश करने के लिए रसोई का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है. भाजपा का कहना है कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में शुरू हुई अन्नपूर्णा रसोई का ही नाम चेंज करके इस योजना को शुरू किया गया है.