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भरतपुर: अंबेडकर भवन में इंदिरा रसोई के संचालन को लेकर विरोध, प्रशासन ने बदली जगह - Protest against indira Rasoi

भरतपुर जिले के कुम्हेर में इंदिरा रसोई का अंबेडकर भवन में संचालन का लोगों ने विरोध किया. जिसके बाद में प्रशासन ने रसोई को नगर पालिका के भवन में शिफ्ट कर दिया. लोगों का कहना था कि अंबेडकर भवन एक समाज विशेष की निजी बिल्डिंग है.

Protest against indira Rasoi,  Protest against indira Rasoi in bharatpur
अंबेडकर भवन में इंदिरा रसोई के संचालन को लेकर विरोध
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Published : Aug 20, 2020, 4:56 PM IST

भरतपुर. प्रदेशभर में 20 अगस्त से इंदिरा रसोई की शुरुआत हो गई है. इसके तहत गरीब लोगों को मात्र 8 रुपए में पोष्टिक भोजन मुहैया कराया जाएगा. जिले के कुम्हेर कस्बे में भी प्रशासन की तरफ से इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई, जिसको लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने निजी बिल्डिंग में रसोई शुरू करने का विरोध किया और मौके पर लगे पोस्टर भी फाड़ दिए. जिसके बाद प्रशासन ने सरकारी बिल्डिंग में रसोई को ट्रांसफर कर दिया, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

भरतपुर में 16 जगह शुरू हुई है इंदिरा रसोई

स्थानीय लोगों का कहना था कि सरकार की तरफ से चलाई जा रही इंदिरा रसोई को एक निजी बिल्डिंग में संचालित नहीं करना चाहिए. पहले इंदिरा रसोई को अंबेडकर भवन में संचालित किया गया था लेकिन लोगों ने कहा कि ये एक समाज विशेष की निजी इमारत है. जिसके बाद प्रशासन ने नगर पालिका की बिल्डिंग में इंदिरा रसोई को शिफ्ट कर दिया.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में इंदिरा रसोई योजना का विरोध...जानें पूरा माजरा

जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि भरतपुर जिले में 16 जगहों पर इंदिरा रसोई का शुभारंभ किया गया है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार सुबह साढ़े 8 बजे से ही सभी जगह रसोई शुरू कर दी गई थी. प्रत्येक रसोई में 8 रुपए देकर कोई भी व्यक्ति पोष्टिक भोजन कर सकता है. गहलोत सरकार की इस योजना के नाम को लेकर भाजपा हमलावर है. भाजपा का कहना है कि नेहरू-गांधी परिवार को खुश करने के लिए रसोई का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है. भाजपा का कहना है कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में शुरू हुई अन्नपूर्णा रसोई का ही नाम चेंज करके इस योजना को शुरू किया गया है.

भरतपुर. प्रदेशभर में 20 अगस्त से इंदिरा रसोई की शुरुआत हो गई है. इसके तहत गरीब लोगों को मात्र 8 रुपए में पोष्टिक भोजन मुहैया कराया जाएगा. जिले के कुम्हेर कस्बे में भी प्रशासन की तरफ से इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई, जिसको लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने निजी बिल्डिंग में रसोई शुरू करने का विरोध किया और मौके पर लगे पोस्टर भी फाड़ दिए. जिसके बाद प्रशासन ने सरकारी बिल्डिंग में रसोई को ट्रांसफर कर दिया, तब जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ.

भरतपुर में 16 जगह शुरू हुई है इंदिरा रसोई

स्थानीय लोगों का कहना था कि सरकार की तरफ से चलाई जा रही इंदिरा रसोई को एक निजी बिल्डिंग में संचालित नहीं करना चाहिए. पहले इंदिरा रसोई को अंबेडकर भवन में संचालित किया गया था लेकिन लोगों ने कहा कि ये एक समाज विशेष की निजी इमारत है. जिसके बाद प्रशासन ने नगर पालिका की बिल्डिंग में इंदिरा रसोई को शिफ्ट कर दिया.

पढ़ें: श्रीगंगानगर में इंदिरा रसोई योजना का विरोध...जानें पूरा माजरा

जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि भरतपुर जिले में 16 जगहों पर इंदिरा रसोई का शुभारंभ किया गया है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार सुबह साढ़े 8 बजे से ही सभी जगह रसोई शुरू कर दी गई थी. प्रत्येक रसोई में 8 रुपए देकर कोई भी व्यक्ति पोष्टिक भोजन कर सकता है. गहलोत सरकार की इस योजना के नाम को लेकर भाजपा हमलावर है. भाजपा का कहना है कि नेहरू-गांधी परिवार को खुश करने के लिए रसोई का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है. भाजपा का कहना है कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में शुरू हुई अन्नपूर्णा रसोई का ही नाम चेंज करके इस योजना को शुरू किया गया है.

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