भरतपुर. असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दी के सीजन में ही प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. ऐसे में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां को निहारने के लिए पर्यटक भी सर्दी के मौसम में ही यहां सबसे ज्यादा आते हैं. दिसंबर का महीना पर्यटन के लिहाज से सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. ऐसे में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अकेले दिसंबर महीने के बीते 19 दिन में 9058 पर्यटक यहां घूमने आ चुके हैं.
दिसंबर के महीने में यूं तो हर दिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक केवलादेव उद्यान पहुंच रहे हैं. लेकिन रविवार को पर्यटकों की संख्या हजार से ऊपर तक पहुंच जाती है. 5 दिसंबर रविवार को 950 पर्यटक घना पहुंचे, तो 12 दिसंबर को 1067 और 19 दिसंबर को 1151 पर्यटक यहां पहुंचे.
असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को घुमाने के लिए उद्यान के अंदर करीब 150 रिक्शा चालक नियमित रूप से सेवाएं देते हैं, लेकिन पर्यटन सीजन में पर्यटकों की अधिक संख्या होने पर उद्यान प्रशासन को उद्यान के बाहर से अतिरिक्त रिक्शा बुलाने पड़ते हैं. दिसंबर महीने में पाठकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही उद्यान प्रशासन को उद्यान के बाहर से हर दिन औसतन 100 से 150 तक अतिरिक्त रिक्शा पर्यटकों के लिए लगाने पड़ रहे हैं.
गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब 400 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर वर्ष सर्दियों में डेरा डालते हैं. दिसंबर की सर्दियां बढ़ते ही उद्यान में साइबेरिया से आए हुए कई प्रजातियों के पक्षियों ने भी डेरा डाल लिया है. ऐसे में बड़े दिनों की छुट्टियों, क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.