कामां (भरतपुर). कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. मंदिरों के पट भी बंद हैं. पुजारियों के अलावा किसी भी भक्त को मंदिर के भीतर प्रवेश पर रोक है. इसके बावजूद भरतपुर के कामां क्षेत्र के लालेश्वर हनुमान मंदिर में कुछ ऐसा हुआ कि गुरुवार रात यानी रामनवमी की रात को मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जमा होने लगी और पुलिस को मंदिर परिसर से लोगों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
दरअसल, रामनवमी की रात अचानक ये बात पूरे कामां क्षेत्र में आग की तरह फैल गई कि लाल दरवाजा स्थित हजारों साल पुराने लालेश्वर हनुमान मंदिर में हनुमान जी ने खुद अपना चोला छोड़ दिया है. इसके बाद देखते ही देखते दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलते ही कामां थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और हल्का बल प्रयोग कर मौके से लोगों को भगाया. साथ ही लोगों से अपील की गई कि सभी लॉडाउन का पूरी तरह से पालना करे.
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स्थानीय लोगों का कहना है रामनवमी के दिन पुजारी पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर के पट बंद कर चले गए. लेकिन, जैसे ही वो दोबारा मंदिर में आए तो हनुमान जी ने खुद अपना चोला छोड़ दिया. सारा चोला नीचे दिखाई दिया. इसके बाद पुजारी जी भी हैरान रह गए और उन्होंने दोबारा से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद हनुमान जी को चोला चढ़ाया. इस दौरान ये सूचना कामां कस्बे में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते लोगों की भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई.
कई जागरूक लोगों ने कामां थाना पुलिस को भी सूचना दी. सूचना मिलते ही सब इंस्पेक्टर धारा सिंह पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और हल्का बल प्रयोग कर मौके से लोगों को हटाया. साथ ही लोगों से कहा कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी. लेकिन, कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए लॉकडाउन का पूर्ण पालना करें.
बता दें कि लाल दरवाजा स्थित लालेश्वर हनुमान मंदिर हजारों साल पुराना मंदिर है. यहां हनुमान जी के बाल स्वरूप की मूर्ति स्थापित है. कामां कस्बा सहित दूरदराज के लोग मंदिर पर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, मंगलवार के दिन मंदिर में भारी संख्या में लोग काफी साल से ही दर्शन करने के लिए आते रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोगों का आवागमन बंद हो गया है. लेकिन, मंदिर के पुजारी द्वारा मंदिर में हर दिन सुबह-शाम पूजा-अर्चना की जा रही है.