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भरतपुर संभाग में 6 मंत्री और 2 राज्य मंत्री भी कायम नहीं रख पाए कांग्रेस का वर्चस्व, भाजपा को 19 में से मिलीं 9 सीटें

भरतपुर संभाग में भाजपा को 19 में से 9 सीटें मिली है. संभाग में कांग्रेस सरकार के 6 मंत्री और 2 राज्य मंत्री भी कांग्रेस का वर्चस्व नहीं बचा पाए.

6 ministers and 2 state ministers lost in Bharatpur
भरतपुर संभाग में हारे कांग्रेस के मंत्री
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2023, 8:39 PM IST

भरतपुर. संभाग में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस को भरपूर समर्थन दिया था. 19 में से 13 सीटों पर कांग्रेस को जिताकर ताज पहनाया, जबकि भाजपा को एक सीट पर समेट कर रख दिया था. बदले में गहलोत सरकार ने भी संभाग के छह नेताओं को मंत्री और दो को राज्य मंत्री का दर्जा दिया.

विधायकों की हर मांग भी पूरी की लेकिन फिर भी कांग्रेस जनता का प्यार पाने में उतनी सफल नहीं हो पाई. संभाग के 8 मंत्री 4 जिलों में कांग्रेस के वर्चस्व को कायम रखने में नाकाम रहे. यही वजह है कि संभाग में सिर्फ भरतपुर सीट से कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को ही जीत मिल पाई. बाकी सभी 7 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा.

स्थानीय नेताओं से नाराजगी पड़ी भारी: कांग्रेस सरकार के अशोक गहलोत ने संभाग की जनता के प्यार के बदले में 8 नेताओं को मंत्री और राज्य मंत्री बनाया. 5 साल के कार्यकाल में खुद अशोक गहलोत ने संभाग में करीब एक दर्जन दौरे किए. प्रदेश स्तरीय योजनाओं के साथ ही स्थानीय विकास के लिए भी खूब फंड दिया. बावजूद इसके जनता को खुश नहीं कर पाए. इसके पीछे की मुख्य वजह स्थानीय नेताओं का व्यवहार और भ्रष्टाचार को माना जा रहा है, जिसकी वजह से जनता ने अधिकतर मंत्रियों को पूरी तरह से नकार दिया.

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा चुनाव में जेजेपी की नहीं लग पाई चाबी, कुलदीप बिश्नोई का चला सिक्का, जानिए राजनीतिक समीकरण

इन मंत्रियों को मिली हार: कांग्रेस सरकार में संभाग के डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट से विश्वेंद्र सिंह, कामां विधानसभा सीट से जाहिदा खान, वैर से भजनलाल जाटव, नदबई से जोगिंदर अवाना, सपोटरा से रमेश मीणा, सवाई माधोपुर से दानिश अबरार और नगर से वाजिब अली को मंत्री और राज्यमंत्री होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा. जबकि भरतपुर सीट से रालोद प्रत्याशी व कांग्रेस सरकार के मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को ही जीत नसीब हो पाई.

पढ़ें: प्रदेश में भाजपा की नई सरकार में मंत्रिमंडल के लिए अजमेर संभाग के ये हैं संभावित चेहरे

19 में से 9 सीट पर भाजपा की जीत: भरतपुर संभाग के चारों जिलों की 19 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 9 सीटों पर जीत मिली. जबकि कांग्रेस को 7 सीटों पर ही जीत मिल पाई. कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी, निर्दलीय प्रत्याशी और बसपा को भी एक-एक सीट पर जीत मिल पाई.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान के रण में कांग्रेस चित, हार के पीछे रहे ये 10 बड़े कारण

संभाग एक नजर में :

  1. भरतपुर की 7 सीटों में से 5 पर भाजपा, 1 पर निर्दलीय, 1 पर रालोद प्रत्याशी जीते.
  2. धौलपुर में 4 में से 3 सीट पर कांग्रेस, 1 पर बसपा प्रत्याशी जीता.
  3. सवाईमाधोपुर में 4 में से 2 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा जीती.
  4. करौली में 4 सीटों में से 2 पर भाजपा व 2 पर कांग्रेस जीती.

भरतपुर. संभाग में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस को भरपूर समर्थन दिया था. 19 में से 13 सीटों पर कांग्रेस को जिताकर ताज पहनाया, जबकि भाजपा को एक सीट पर समेट कर रख दिया था. बदले में गहलोत सरकार ने भी संभाग के छह नेताओं को मंत्री और दो को राज्य मंत्री का दर्जा दिया.

विधायकों की हर मांग भी पूरी की लेकिन फिर भी कांग्रेस जनता का प्यार पाने में उतनी सफल नहीं हो पाई. संभाग के 8 मंत्री 4 जिलों में कांग्रेस के वर्चस्व को कायम रखने में नाकाम रहे. यही वजह है कि संभाग में सिर्फ भरतपुर सीट से कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को ही जीत मिल पाई. बाकी सभी 7 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा.

स्थानीय नेताओं से नाराजगी पड़ी भारी: कांग्रेस सरकार के अशोक गहलोत ने संभाग की जनता के प्यार के बदले में 8 नेताओं को मंत्री और राज्य मंत्री बनाया. 5 साल के कार्यकाल में खुद अशोक गहलोत ने संभाग में करीब एक दर्जन दौरे किए. प्रदेश स्तरीय योजनाओं के साथ ही स्थानीय विकास के लिए भी खूब फंड दिया. बावजूद इसके जनता को खुश नहीं कर पाए. इसके पीछे की मुख्य वजह स्थानीय नेताओं का व्यवहार और भ्रष्टाचार को माना जा रहा है, जिसकी वजह से जनता ने अधिकतर मंत्रियों को पूरी तरह से नकार दिया.

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इन मंत्रियों को मिली हार: कांग्रेस सरकार में संभाग के डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट से विश्वेंद्र सिंह, कामां विधानसभा सीट से जाहिदा खान, वैर से भजनलाल जाटव, नदबई से जोगिंदर अवाना, सपोटरा से रमेश मीणा, सवाई माधोपुर से दानिश अबरार और नगर से वाजिब अली को मंत्री और राज्यमंत्री होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा. जबकि भरतपुर सीट से रालोद प्रत्याशी व कांग्रेस सरकार के मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को ही जीत नसीब हो पाई.

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19 में से 9 सीट पर भाजपा की जीत: भरतपुर संभाग के चारों जिलों की 19 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 9 सीटों पर जीत मिली. जबकि कांग्रेस को 7 सीटों पर ही जीत मिल पाई. कांग्रेस समर्थित रालोद प्रत्याशी, निर्दलीय प्रत्याशी और बसपा को भी एक-एक सीट पर जीत मिल पाई.

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संभाग एक नजर में :

  1. भरतपुर की 7 सीटों में से 5 पर भाजपा, 1 पर निर्दलीय, 1 पर रालोद प्रत्याशी जीते.
  2. धौलपुर में 4 में से 3 सीट पर कांग्रेस, 1 पर बसपा प्रत्याशी जीता.
  3. सवाईमाधोपुर में 4 में से 2 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा जीती.
  4. करौली में 4 सीटों में से 2 पर भाजपा व 2 पर कांग्रेस जीती.
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