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UPSC में 160वीं रैंक हासिल कर चिराग ने रौशन किया डीग का नाम

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Published : Aug 5, 2020, 10:15 PM IST

भरतपुर के डीग में रहने वाले चिराग जैन ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 160वीं रैंक हासिल कर कस्बे का नाम रौशन किया है. चिराग ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद, गुरुजनों के मार्ग दर्शन और साथियों के सहयोग को दिया है.

Chirag Jain Deeg Bharatpur, भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 2019
डीग के चिराग ने UPSC में लाई 160वीं रैंक

डीग (भरतपुर). भारतीय सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 160वीं रैंक हासिल कर चिराग जैन ने जल महलों की नगरी डीग का नाम देशभर में रौशन किया है. MNIT जयपुर से मैकेनिकल में बीटेक करने वाले चिराग ने यह सफलता तीसरी बार में हासिल की है.

उन्होंने बताया की वर्ष-2015 में उनका एक नामी कंपनी में कैंपस सिलेक्शन हो गया. एक साल तक पुणे में नौकरी करने के बाद 2016 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और पहली बार में वह मेंस परीक्षा में रह गए.

डीग के चिराग ने UPSC में लाई 160वीं रैंक

दूसरी बार में वह इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाए. अब तीसरी बार में जाकर उन्हें यह सफलता मिली है. चिराग जैन का सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश है कि, वह कठिन परिश्रम के साथ-साथ धैर्य बनाए रखें.

पढ़ें- Special : बुलंद हौसलों की ऊंची उड़ान...'गुदड़ी के लाल' ने हासिल किया बड़ा मुकाम

चिराग का कहना है की वह एक बार और भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देकर आईएएस बनने की कोशिश करेंगे. चिराग अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद, गुरुजनों के मार्ग दर्शन और साथियों के सहयोग को देते हैं. उनका कहना है कि वह भारतीय पुलिस सेवा के माध्यम से अब पीड़ित शोषित लोगों को न्याय दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे.

उनके पिता धर्मेंद्र जैन चिकित्सा विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि मां लक्ष्मी देवी ग्रहणी हैं. छोटा भाई अभिषेक जैन भारतीय इंजिनियरींग परीक्षा की तैयारी कर रहा है.

डीग (भरतपुर). भारतीय सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 160वीं रैंक हासिल कर चिराग जैन ने जल महलों की नगरी डीग का नाम देशभर में रौशन किया है. MNIT जयपुर से मैकेनिकल में बीटेक करने वाले चिराग ने यह सफलता तीसरी बार में हासिल की है.

उन्होंने बताया की वर्ष-2015 में उनका एक नामी कंपनी में कैंपस सिलेक्शन हो गया. एक साल तक पुणे में नौकरी करने के बाद 2016 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और पहली बार में वह मेंस परीक्षा में रह गए.

डीग के चिराग ने UPSC में लाई 160वीं रैंक

दूसरी बार में वह इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाए. अब तीसरी बार में जाकर उन्हें यह सफलता मिली है. चिराग जैन का सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को संदेश है कि, वह कठिन परिश्रम के साथ-साथ धैर्य बनाए रखें.

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चिराग का कहना है की वह एक बार और भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देकर आईएएस बनने की कोशिश करेंगे. चिराग अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के आशीर्वाद, गुरुजनों के मार्ग दर्शन और साथियों के सहयोग को देते हैं. उनका कहना है कि वह भारतीय पुलिस सेवा के माध्यम से अब पीड़ित शोषित लोगों को न्याय दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे.

उनके पिता धर्मेंद्र जैन चिकित्सा विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी हैं, जबकि मां लक्ष्मी देवी ग्रहणी हैं. छोटा भाई अभिषेक जैन भारतीय इंजिनियरींग परीक्षा की तैयारी कर रहा है.

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