भरतपुर. नए पर्यटन सीजन और पर्यटकों के स्वागत के लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तैयार है. नए पैटर्न सीजन में पर्यटकों को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अंदर कई नई सुविधाओं का लाभ मिलेगा. पहली बार पर्यटक जहां ई-रिक्शा से उद्यान का भ्रमण कर सकेंगे. वहीं नौकायन के लिए भी कम शुल्क अदा करना होगा. इतना ही नहीं इस बार पर्यटकों को जंगल के रोमांचक अनुभव के लिए भी नई व्यवस्था की है.
डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि घना में नए पर्यटन सीजन में पर्यटकों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. अब उद्यान में पैडल रिक्शा के स्थान पर करीब 100 ई-रिक्शा शुरू किए गए हैं. इससे पर्यटक कम समय में घना का ज्यादा क्षेत्र घूम सकेगा. इसके अलावा पीक पर्यटन सीजन में पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए घना में नए और ई-रिक्शा मंगाए गए हैं, जो जल्द ही घना में उपलब्ध होंगे.
जंगली रास्तों का लुत्फ: घना में पर्यटकों को जंगल एडवेंचर के लिए नए रास्ते तैयार किए गए हैं. कुछ रास्तों पर काम चल रहा है, जो जल्द तैयार हो जाएंगे. ये रास्ते जंगल के बीच से गुजर रहे हैं. इन पर पर्यटक साइकिल या फिर पैदल घूम सकेंगे. डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि घना में सैलानियों के लिए नौकायन की भी सुविधा है. फिलहाल सभी नौकाओं को दुरुस्त कराया जा रहा है. खास बात यह है कि इस बार पर्यटकों के लिए नौकायन का शुल्क कम कर दिया गया है. गत वर्ष नौकायन का शुल्क 430 रुपए था जो कम कर के 370 रुपए कर दिया गया है. इससे सैलानियों के जेब पर कम भार पड़ेगा.
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पक्षियों से गुलजार होने लगा घना: घना में पेंटेड स्टॉर्क, ओपन बिल स्टार्क, आईबिस, यूरेशियन स्पूनबिल समेत तमाम पक्षियों ने अच्छी संख्या में नेस्टिंग कर ली है. घोंसलों में अब अंडों से बच्चे भी निकल आए हैं. धीरे-धीरे घना में पक्षियों की संख्या बढ़ने लगी है. साथ ही आसपास के शहरों के पर्यटक भी घना पहुंचने लगे हैं.
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गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 350 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी सर्दियों में प्रवास करते हैं. 28.73 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले उद्यान में 57 प्रजाति की मछलियां, 34 प्रजाति के स्तनधारी जीव, करीब 9 प्रजाति के कछुए, 80 प्रजाति की तितलियां और 14 प्रजाति के मेंढक मिलते हैं. यहां पक्षियों और जैव विविधता को निहारने के लिए हर वर्ष हजारों, लाखों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आते हैं.