भरतपुर. जिले के कुम्हेर क्षेत्र के एक युवक राधेश्याम के पिता सीआरपीएफ में तैनात थे. तीन साल पहले एक फील्ड ऑपरेशन के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. अब नियमानुसार युवक अनुकंपा आधार पर नौकरी पाना चाहता है, लेकिन बीते तीन साल से लगातार अधिकारियों और नेताओं के आगे पीछे चक्कर काट रहा है. युवक को हर तरफ से आश्वासन मिल रहा है, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही. राधेश्याम का कहना है कि परेशान होकर उसने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है.
कुम्हेर के पैंगोर के लखन का नगला निवासी युवक राधेश्याम ने बताया कि उसके पिता जवाहर सिंह सीआरपीएफ की 114 बटालियन में तैनात थे. रांची से नीमच में फील्ड ऑपरेशन में जाते समय उनका देहांत हो गया. युवक राधेश्याम पिछले तीन साल से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है. लेकिन नौकरी नहीं मिली.
पेंशन पर निर्भर परिवार - युवक ने बताया कि इन तीन साल से सांसद और मंत्रियों के चक्कर काट-काटकर थक गया है. ऐसे में युवक ने अब परेशान होकर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उसे अनुकम्पा पर नौकरी दी जाए या फिर इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए. राधेश्याम ने बताया कि उसकी मां को 14 हजार रुपए पेंशन मिलती है. इनमें से 10 हजार रुपए नौकरी के प्रयास में मंत्री-सांसदों के चक्कर काटने पर खर्च हो जाते हैं. इतने बड़े परिवार में महज 4 हजार रुपए से महीने का गुजारा नहीं हो पाता है.
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युवक राधेश्याम ने बताया कि अजमेर जीसी-1 में उसका मेडिकल हुआ लेकिन उसमें अनफिट कर दिया. कमांडेंट ने दोबारा मेडिकल कराने की बात कही. इसके बाद युवक को हर बार झूठी सांत्वना मिली. सीआरपीएफ में बार-बार चक्कर लगाने के बाद उन्होंने भरतपुर जिला कलक्ट्रेट को फाइल फॉरवर्ड कर दी है. परेशान युवक ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है.