भरतपुर. शहर से करीब 20 किमी दूर सड़क किनारे 16 बीघा का फार्म, फार्म में हर सीजन की फसल, सब्जी और अनाज की पैदावार की जा रही है. खास बात यह है कि इस फार्म में किसी रसायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता. अनाज, सब्जी से लेकर गाय के घी तक सब कुछ जैविक है. जी हां, वर्षों तक दिल्ली की प्रदूषित आबोहवा में जीवन जीने वाले दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर कमल मीणा और उनकी धर्मपत्नी बिरमा देवी आज दिल्ली की आधुनिकता वाली जिंदगी पीछे छोड़कर जैविक खेती कर रहे हैं. इतना ही नहीं, यह कृषक दंपती आज जिले के किसानों के लिए एक मिसाल बन कर उभरा है.
5 साल पहले शुरू हुआ सफर : प्रगतिशील किसान कमल मीणा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में उच्चैन के पास पना गांव में 16 बीघा के फार्म में जैविक खेती शुरू की. जैविक खेती का विचार इसलिए आया कि आजकल फसलों में तमाम तरह के रसायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल बढ़ रहा है और लोगों में बीमारियां भी बढ़ रही हैं. इसलिए शुद्ध अनाज और सब्जी नहीं मिल पा रहे.
बाजार से सिर्फ नमक, हल्दी खरीदते हैं : कृषक बिरमा देवी ने बताया कि खेत में जैविक तरीके से चार प्रकार के गेहूं, ज्वार, बाजरा और चना समेत सभी तरह का अनाज, सब्जी की पैदावार की जाती है. इसी को घर पर खाने में काम लेते हैं. बाजार से सिर्फ नमक और हल्दी खरीदकर लाते हैं.
बाजार से तीन गुना भाव : कमल मीणा ने बताया कि उनके फार्म पर गाय के गोबर और मूत्र से तैयार किए गए जैविक खाद का इस्तेमाल कर जैविक अनाज उत्पादन किया जा रहा है. यही वजह है कि जहां मंडी में सामान्य गेहूं 2800 रुपये प्रति क्विंटल में मिलता है. वहीं, कमल मीणा और बिरमा देवी के फार्म पर जैविक गेहूं की कीमत 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक है. इतना ही नहीं, इन को अपना जैविक अनाज बेचने के लिए मंडी जाना नहीं पड़ता, बल्कि खरीदने वाले लोग एडवांस बुकिंग कर देते हैं और फार्म से ही खरीदकर ले जाते हैं.
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2500 रुपये किलो घी : खेत में चारा भी जैविक तैयार हो रहा है, जिसे गाय खाती हैं. कमल मीणा ने बताया कि उनके पास 20 गाय हैं. वो उनका दूध नहीं बेचते, बल्कि दूध से घी तैयार करते हैं. ये ऑर्गेनिक घी कहीं बेचने नहीं जाना पड़ता, बल्कि ऑन डिमांड भेजते हैं. बड़ी बात यह है कि जहां बाजार में गाय का घी 600 से 700 रुपये किलो में उपलब्ध है. वहीं, कमल मीणा की गायों का घी 2500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिकता है.
प्रगतिशील खेती का बेहतरीन नमूना :
फार्म पॉन्ड : कमल मीणा और बिरमा देवी ने बताया कि खेतों में सिंचाई करने के लिए इस बार उन्होंने फार्म पॉन्ड भी तैयार किया है, जिसमें बरसात का पानी इकट्ठा करेंगे और पूरे वर्ष भर खेत की सिंचाई कर सकेंगे.
सोलर एनर्जी : वहीं, ये परंपरागत तरीके से सरकारी बिजली का उपयोग भी नहीं करते, बल्कि इन्होंने खेत में ही सोलर पैनल लगा रखे हैं, जिससे खेती से लेकर अन्य सभी जरूरी कार्य करते हैं.
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गोबर गैस प्लांट : कमल मीणा के पास 20 गाय हैं, जिनके को गोबर से वह गोबर गैस प्लांट भी चलाते हैं. गोबर गैस प्लांट से तैयार होने वाली गैस का उपयोग रसोई में करते हैं, साथ ही इसकी स्लरी का इस्तेमाल खेत में खाद के रूप में करते हैं, जिससे अच्छी उपज मिलती है.
कमल मीणा और बिरमा देवी का यह फार्म जिले के किसानों के लिए अनूठा उदाहरण बना हुआ है. कृषि विभाग की ओर से यहां पर समय समय पर किसानों के दल लाए जाते हैं और उन्हें जैविक खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. कृषक दंपति को राज्य सरकार और कृषि विभाग की ओर से कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है.