भरतपुर. जिले के मेवात क्षेत्र के घाटमीका निवासी जुनैद और नासिर हत्याकांड को तीन माह गुजर चुके हैं. इसके बावजूद अभी तक पुलिस को 9 आरोपियों में से सिर्फ तीन को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. परिजनों ने FIR में और उसके बाद भी लगातार इस पूरे घटनाक्रम में मोनू मानेसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बावजूद इसके अभी तक भरतपुर पुलिस मोनू मानेसर को लेकर छानबीन में जुटी हुई है. वहीं पूरे घटनाक्रम में पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई से असंतुष्ट होकर मृतक नासिर व जुनैद का चचेरा भाई मौलाना जाबिर करीब 17 घंटे से मोबाइल टावर पर चढ़ा हुआ है और आत्महत्या की धमकी दे रहा है.
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ये आरोपी अभी भी फरारः 15 -16 फरवरी की रात को नासिर और जुनैद के हत्याकांड के बाद पुलिस अभी तक रिंकू सैनी, मोनू राणा और गोगी को गिरफ्तार करने में सफल हुई है. अभी तक की पूछताछ में रिंकू सैनी समेत 9 आरोपियों के नाम सामने आए थे, जिनमें से 3 की गिरफ्तारी हो गई. जबकि छह आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. फरार आरोपियों में अनिल, कालू उर्फ कृष्ण, विकास आर्य, किशोर, शशिकांत और श्रीकांत शामिल हैं.
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यह था पूरा घटनाक्रमः पुलिस के अनुसार 13 फरवरी रात को नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर-नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी. उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीन टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की. इस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट कर चुके थे.
साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जलाई गई थी कारः इसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे. नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इंकार कर दिया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे. आरोप है कि वहां पहले नासिर की गला दबाकर हत्या की. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. आरोप है कि उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.