भरतपुर. नगर निगम प्रशासन को हाईकोर्ट के आदेशों की परवाह नहीं है. क्योंकि भरतपुर शहर मे चल रहे सभी 90 मैरिज होम बगैर लाइसेंस के संचालित है. फिर भी नगर निगम ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस इंद्रजीत सिंह की बेंच ने विगत 18 दिसंबर 2019 को एक आदेश जारी किया. जिसमें नगर निगम क्षेत्र में जितने भी अवैध रूप से मैरिज होम संचालित हैं. साथ ही जिन मैरिज होम के पास लाइसेंस नहीं है और नियम अनुसार सुविधाएं नहीं हैं, उनको तत्काल प्रभाव से बंद करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. साथ ही इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को आगामी 29 जनवरी तक दाखिल करने को कहा था. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है की नगर निगम क्षेत्र में संचालित सभी मैरिज होम के पास लाइसेंस नहीं है. साथ ही उनके पास कोई सुविधा नहीं है.
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वहीं चार साल पहले मैरिज होम गिरने से हुए हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. फिर भी नगर निगम प्रशासन अवैध मैरिज होम के खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक नहीं कर पाया है. हालांकि, नगर निगम की आयुक्त नीलिमा तक्षक का कहना है की हाईकोर्ट का आदेश है कि जिन मैरिज होमों के पास लाइसेंस नहीं है, सुविधाएं नहीं है, उनको बंद कर रिपोर्ट सौंपी जाए.
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इस कार्रवाई के दौरान ही मैरिज होमों के मालिक लाइसेंस लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं. इसकी प्रक्रिया अमल में लायी जा रही है. फिलहाल, निगम क्षेत्र में करीब 90 मैरिज होम संचालित हैं लेकिन किसी के भी पास लाइसेंस नहीं है. अब देखने वाली बात यह है कि जब इतनी भारी संख्या में अवैध रूप से मैरिज होम संचालित हैं. फिर भी नगर निगम प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.