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भरतपुर: कोरोना काल में शादी कैंसल हुई तो बस मालिक ने पैसे नहीं लौटाए, जिला उपभोक्ता आयोग ने दिया ये आदेश

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Published : Apr 10, 2021, 2:22 PM IST

भरतपुर जिला उपभोक्ता आयोग ने एक मामले में सुनवाई करते हुए उपभोक्ता को बड़ी राहत दी है. दरअसल, एक कोरोना काल के चलते परिवादी की शादी कैंसल हो गई थी लेकिन उसने बस बारात के लिए जो बस बुकिंग का एडवांस दिया था, उसे बस मालिक लौटाने से इनकार कर रहा था.

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कोरोना काल में शादी कैंसल हुई तो बस मालिक ने पैसे नहीं लौटाए

भरतपुर. जिला उपभोक्ता आयोग ने शुक्रवार को एक फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता को राहत पहुंचाई है. बारात ले जाने के लिए बस बुकिंग कर ट्रेवल संचालक को दी गई एडवांस राशि विवाह कैंसिल हो जाने की स्थिति में परिवादी के लिए लौटाने के निर्देश जिला उपभोक्ता आयोग ने दिए हैं. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति और परिवाद व्यय स्वरूप परिवादी को 5 हजार रुपए अदा करने के आदेश भी दिए हैं.

जानकारी के अनुसार बयाना के मीराना रोड निवासी प्रदीप कुमार जैन के पुत्र अभिनव जैन की शादी 17 अप्रैल 2020 को जयपुर से तय हुई. प्रदीप कुमार जैन ने नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग से जयपुर बारात ले जाने के लिए संपर्क किया और 17 अप्रैल के लिए 44 हजार रुपए में बस बुक कर दी. बस के लिए प्रदीप कुमार ने ट्रेवल संचालक को 17 जनवरी 2020 को 6100 रुपए एडवांस दे दिए. साथ ही शेष राशि बारात लौट आने पर देने की बात हुई.

यह भी पढ़ें: शराबबंदी के लिए अनोखा मतदान- जो काम CM गहलोत नहीं कर पाए, वो थानेटा के ग्रामीणों ने किया, अब नहीं खुलेंगे बोतलों के 'ढक्कन'

इस बीच पूरे कोरोना महामारी के कारण पूरे भारत में लॉक डाउन हो गया. इस कारण अभिनव जैन की शादी कैंसिल हो गई. प्रदीप कुमार जैन ने नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग से विवाह कैंसिल होने पर बस बुकिंग के लिए दी गई 6100 रुपए की एडवांस राशि वापस मांगी. लेकिन ट्रेवल संचालक राशि लौटाने का आश्वासन देते हुए टालता रहा और आखिर 3 अक्टूबर 2020 को दी गई एडवांस राशि को वापस देने से साफ इनकार कर दिया.

इस पर प्रदीप कुमार जैन ने अधिवक्ता संतोषी लाल गर्ग के जरिए जिला उपभोक्ता आयोग भरतपुर में नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग निवासी गांधी चौक बयाना के विरुद्ध परिवाद पेश किया. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सत्यजीत राय एवं सदस्य दीपक कुमार मुद्गल ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनी. आयोग सदस्यों ने माना कि कोरोना महामारी में लॉक डाउन होने के कारण परिवादी के पुत्र की शादी कैंसिल हो गई.

यह भी पढ़ें: VAT का विरोध : हड़ताल पर राजस्थान के 7000 पेट्रोल पंप संचालक, आमजन को हो रही परेशानी

परिस्थितियां परिवादी के नियंत्रण के बाहर थीं, अत: विपक्षी को एडवांस में दी गई राशि लौटानी चाहिए थी, जो उसके द्वारा नहीं लौटाई गई. यह विपक्षी का सेवादोष है. आयोग ने परिवाद को स्वीकार कर विपक्षी ट्रेवल्स संचालक अनिल कुमार नारंग को आदेश दिए कि वो दो माह की अवधि में परिवादी प्रदीप कुमार जैन को उससे ली गई एडवांस राशि 6100 रुपए 6 प्रतिशत ब्याज की दर से लौटाए. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय स्वरूप 5 हजार रुपए अदा करे.

भरतपुर. जिला उपभोक्ता आयोग ने शुक्रवार को एक फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता को राहत पहुंचाई है. बारात ले जाने के लिए बस बुकिंग कर ट्रेवल संचालक को दी गई एडवांस राशि विवाह कैंसिल हो जाने की स्थिति में परिवादी के लिए लौटाने के निर्देश जिला उपभोक्ता आयोग ने दिए हैं. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति और परिवाद व्यय स्वरूप परिवादी को 5 हजार रुपए अदा करने के आदेश भी दिए हैं.

जानकारी के अनुसार बयाना के मीराना रोड निवासी प्रदीप कुमार जैन के पुत्र अभिनव जैन की शादी 17 अप्रैल 2020 को जयपुर से तय हुई. प्रदीप कुमार जैन ने नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग से जयपुर बारात ले जाने के लिए संपर्क किया और 17 अप्रैल के लिए 44 हजार रुपए में बस बुक कर दी. बस के लिए प्रदीप कुमार ने ट्रेवल संचालक को 17 जनवरी 2020 को 6100 रुपए एडवांस दे दिए. साथ ही शेष राशि बारात लौट आने पर देने की बात हुई.

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इस बीच पूरे कोरोना महामारी के कारण पूरे भारत में लॉक डाउन हो गया. इस कारण अभिनव जैन की शादी कैंसिल हो गई. प्रदीप कुमार जैन ने नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग से विवाह कैंसिल होने पर बस बुकिंग के लिए दी गई 6100 रुपए की एडवांस राशि वापस मांगी. लेकिन ट्रेवल संचालक राशि लौटाने का आश्वासन देते हुए टालता रहा और आखिर 3 अक्टूबर 2020 को दी गई एडवांस राशि को वापस देने से साफ इनकार कर दिया.

इस पर प्रदीप कुमार जैन ने अधिवक्ता संतोषी लाल गर्ग के जरिए जिला उपभोक्ता आयोग भरतपुर में नारंग ट्रेवल्स के संचालक अनिल कुमार नारंग निवासी गांधी चौक बयाना के विरुद्ध परिवाद पेश किया. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सत्यजीत राय एवं सदस्य दीपक कुमार मुद्गल ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनी. आयोग सदस्यों ने माना कि कोरोना महामारी में लॉक डाउन होने के कारण परिवादी के पुत्र की शादी कैंसिल हो गई.

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परिस्थितियां परिवादी के नियंत्रण के बाहर थीं, अत: विपक्षी को एडवांस में दी गई राशि लौटानी चाहिए थी, जो उसके द्वारा नहीं लौटाई गई. यह विपक्षी का सेवादोष है. आयोग ने परिवाद को स्वीकार कर विपक्षी ट्रेवल्स संचालक अनिल कुमार नारंग को आदेश दिए कि वो दो माह की अवधि में परिवादी प्रदीप कुमार जैन को उससे ली गई एडवांस राशि 6100 रुपए 6 प्रतिशत ब्याज की दर से लौटाए. साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय स्वरूप 5 हजार रुपए अदा करे.

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