भरतपुर. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए अब आरबीएम जिला अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने और उपचार व्यवस्थाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमित रोगियों को भर्ती किए जाने के लिए पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया की नीति अपनाए. इसके साथ ही अब अस्पताल में मरीजों के लिए बेड़ों का आवंटन ओपीडी के माध्यम से किया जाएगा, ताकि मरीजों को इंडोर वार्डों में बेड़ों के लिए भटकना ना पड़े.
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जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने समीक्षा बैठक में कहा कि आरबीएम चिकित्सालय की कोविड ओपीडी में रोगियों को तीन वर्गाें में विभाजित कर भर्ती करा जाएगा. गंभीर रोगी, संदिग्ध रोगी और होम आईसोलेशन के लिए अलग-अलग रंग की भर्ती स्लिप जारी की जाए. गंभीर रोगियों का उपचार आरबीएम चिकित्सालय, संदिग्ध रोगियों के उपचार के लिए कोविड केयर सेन्टर और आईएलआई के लक्षण वाले रोगियों के लिए होम आईसोलेशन की सलाह दी जाए. उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सीमित संसाधनों को मद्देनजर रखते हुए रोगियों की रिकवरी और भर्ती में समन्वय के साथ निरंतरता रखें. साथ ही वार्डों में खाली होने वाले बेड़ों की सूचना ओपीडी में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें, जिससे रोगियों को बेड़ों का आवंटन ओपीडी के माध्यम से किए जाने से रोगियों को वार्डों में भटकना न पड़े.
इसके साथ ही उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि वार्डों में रोगियों के साथ अनावश्यक व्यक्ति प्रवेश न करें. इसके लिए कोविड वार्डाें में प्रवेश के लिए एक रास्ता रखें, जिससे रोगी को प्रवेश द्वार पर स्लिप देखकर ही अन्दर आने दें. उन्होंने अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन बीना महावार को भी निर्देश दिए कि रोगियों की गंभीर स्थिति में आवश्यकता होने पर चिकित्सक की अभिशंषा पर ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे ऑक्सीजन गैस की निरंतरता बनी रहे.