भरतपुर. महारानी श्री जया महाविद्यालय के एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राज्य सरकार के एक आदेश के खिलाफ कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच में जमकर धक्का-मुक्की हुई. जिसके बाद पुलिस कार्यकर्ताओं को जबरन गाड़ी में बैठाकर मथुरा गेट थाने ले गई. एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार ने छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन के लिए स्थानीय विधायक की सहमति लेने का तुगलकी फरमान जारी किया है. जिसके विरोध में प्रदर्शन किया गया.
दरअसल, शुक्रवार सुबह एबीवीपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंच गए. कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया और ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश किए. इस दौरान पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर ही रोक दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. वहीं, पुलिस कार्यकर्ताओं को धकेलते हुए गाड़ी में बैठाकर मथुरा गेट थाने ले गई.
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इस आदेश का विरोध: एबीवीपी के जिला संयोजक नीतेश चौधरी का कहना है कि 4 दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें लिखा है कि किसी भी कॉलेज के छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले छात्रसंघ अध्यक्ष को स्थानीय विधायक से सहमति लेनी होगी. उसके बाद ही छात्र संघ कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जा सकेगा. एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की ओर से इस आदेश का पुरजोर विरोध किया जा रहा है.
कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि एबीवीपी छात्रसंघ अध्यक्ष छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को बुलाना चाहते हैं. जबकि उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि कार्यक्रम में कांग्रेस के मंत्री या विधायकों को बुलाया जाए. एबीवीपी जिला संयोजक नितेश चौधरी का कहना है कि हमें कॉलेज के छात्रों ने चुना है, न कि मंत्री और एमएलए ने. यदि सरकार ने अपना तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया तो पूरे प्रदेश में एबीवीपी का प्रदर्शन होगा और विधानसभा का भी घेराव किया जाएगा.