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केवलादेव से 11 चीतल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व भेजे, दो टाइगर रिजर्व में शिफ्ट होंगे 850 चीतल

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से एक बार फिर चीतलों की शिफ्टिंग (Shifting of Chitals from Keoladeo National Park) शुरू कर दी गई है. घना से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए 11 चीतल शिफ्ट किए हैं. मुकुंदरा में कुल 185 चीतल शिफ्ट किए जा चुके हैं.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से 11 चीतल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व भेजे
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से 11 चीतल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व भेजे
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Published : Dec 22, 2022, 9:46 PM IST

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ ने क्या कहा...

भरतपुर. विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से एक बार फिर चीतलों की शिफ्टिंग शुरू कर दी गई है. घना से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए 11 चीतल शिफ्ट किए हैं. ऐसे में अब तक मुकुंदरा में कुल 185 चीतल (11 Chital Released in Mukundara) शिफ्ट किए जा चुके हैं. जबकि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भी जल्द ही चीतल भेजे जाएंगे.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर को उद्यान से 11 चीतलों को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है. सभी चीतल सही सलामत मुकुंदरा में छोड़ दिए गए हैं. गत वर्ष मुकुंदरा में 174 चीतल शिफ्ट किए गए थे. डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि प्रदेश के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में कुल 850 चीतल शिफ्ट किए जाने हैं.

पढ़ें : Special : दो साल बाद मुकुंदरा होगा आबाद, रणथंभौर से शिफ्ट किया जाएगा टाइगर...

डीएफओ ने बताया कि उद्यान में कोई मांसाहारी वन्यजीव नहीं होने की वजह से (Tiger Reserves in Rajasthan) तेजी से चीतलो की संख्या बढ़ रही है. यही वजह है कि उद्यान में चीतलों की संख्या करीब 5000 तक पहुंच गई है, जिसकी वजह से यहां से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है.

एक तरफ जहां केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से चीतलों को प्रदेश के टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, यहां से विलुप्त हो चुके काले हिरण, ऑटर एवं फिशिंग कैट को फिर से री-इंट्रोड्यूस करने की तैयारी है. इसके लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में जूली फ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है. बता दें कि 1980 के दशक में उद्यान में काले हिरण, ऑटर एवं फिशिंग कैट मौजूद थे.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ ने क्या कहा...

भरतपुर. विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से एक बार फिर चीतलों की शिफ्टिंग शुरू कर दी गई है. घना से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए 11 चीतल शिफ्ट किए हैं. ऐसे में अब तक मुकुंदरा में कुल 185 चीतल (11 Chital Released in Mukundara) शिफ्ट किए जा चुके हैं. जबकि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भी जल्द ही चीतल भेजे जाएंगे.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर को उद्यान से 11 चीतलों को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है. सभी चीतल सही सलामत मुकुंदरा में छोड़ दिए गए हैं. गत वर्ष मुकुंदरा में 174 चीतल शिफ्ट किए गए थे. डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि प्रदेश के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में कुल 850 चीतल शिफ्ट किए जाने हैं.

पढ़ें : Special : दो साल बाद मुकुंदरा होगा आबाद, रणथंभौर से शिफ्ट किया जाएगा टाइगर...

डीएफओ ने बताया कि उद्यान में कोई मांसाहारी वन्यजीव नहीं होने की वजह से (Tiger Reserves in Rajasthan) तेजी से चीतलो की संख्या बढ़ रही है. यही वजह है कि उद्यान में चीतलों की संख्या करीब 5000 तक पहुंच गई है, जिसकी वजह से यहां से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है.

एक तरफ जहां केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से चीतलों को प्रदेश के टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, यहां से विलुप्त हो चुके काले हिरण, ऑटर एवं फिशिंग कैट को फिर से री-इंट्रोड्यूस करने की तैयारी है. इसके लिए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में जूली फ्लोरा को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है. बता दें कि 1980 के दशक में उद्यान में काले हिरण, ऑटर एवं फिशिंग कैट मौजूद थे.

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