बाड़मेर. जिले में लंबे वक्त से कई कंपनियों द्वारा तेल-गैस खनन का कार्य किया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के श्रमिक काम कर रहे हैं. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान इन निजी कंपनियों ने सैलरी नहीं दी, जिसके चलते आए दिन बड़ी संख्या में श्रमिक जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिला कलेक्टर को अपने आर्थिक हालातों का हवाला देते हुए वेतन दिलवाने की मांग कर रहे हैं.
इसी कड़ी में वेदांता के अधीन आने वाली एक निजी कंपनी में कार्य कर रहे करीब 50 मजदूरों ने सैलरी दिलाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने आए श्रमिकों ने बताया कि वो जिस निजी कंपनी में काम कर रहे हैं, उसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब समेत विभिन्न राज्यों के सैकड़ों श्रमिक कार्यरत हैं. सभी लॉकडाउन के चलते अपने घर लौट जाना चाहते थे, लेकिन कंपनी संचालकों ने 15 अप्रैल तक सैलरी मिलने की बात कहकर मजदूरों को रोक लिया.
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श्रमिकों के मुताबिक अप्रैल महीने का वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. मजदूरों के मुताबिक वेतन की मांग को लेकर कंपनी के अधिकारियों से भी मुलाकात की. लेकिन, उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है. मजदूरों का कहना है कि वो घर लौटना चाहते हैं. लेकिन, बिना सैलरी के आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में उनका घर लौट पाना मुश्किल लग रहा है. इसके चलते उन्होंने बाड़मेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसमें मध्यस्थता कर कंपनी से सैलरी दिलाने की मांग की गई है.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न हुए हालातों के दौरान सभी जगहों पर आर्थिक संकट की स्थिति है. मजदूर वर्ग भी काफी परेशान है. वहीं, बाड़मेर में विभिन्न निजी कंपनियों में कार्यरत मजदूरों को वेतन नहीं दिए जाने की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं.