जोधपुर: साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर्ड कर्मचारी-अधिकारियों को ठगने का सिलसिला जारी है. अब जोधपुर में ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर सरदारपुरा थाना क्षेत्र निवासी एक 85 साल के रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 60 लाख रुपए ठग लिए. ठगों ने बुजुर्ग को इतना डराया कि वे परिजनों के कहने के बाद भी बमुश्किल एफआईआर के लिए माने. पुलिस ने मामला दर्ज कर उनके खाते में पांच लाख रुपए होल्ड करवाए हैं. थानाधिकारी शेषकरण चारण के अनुसार जोधपुर डिस्कॉम के रिटायर्ड अधिशाषी अधिकारी अजीतराज भंडारी को 11 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया.
ठग ने खुद को बताया सीबीआई अफसर: उन्होंने बताया कि बदमाशों ने फ्रॉड केस में फंसाने की धमकी देकर बुजुर्ग को डराया. जिसके चलते बुजुर्ग उनके कहे अनुसार राशि ट्रांसफर करते रहे. इस दौरान करीब 60 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए. पुलिस ने बताया कि इसमें बात करने वाले ठग ने खुद को सीबीआई का अफसर बताया. ठग ने पीड़ित से कहा कि आप नरेश गोयल के जेट एयरवेज से जुड़े फ्रॉड केस में शामिल हो. इसके साथ ही फोन और वीडियो कॉल से पूछताछ करते हुए उनको डिजीटल अरेस्ट कर लिया. पीड़ित ने जब यह बात अपने बेटे को बताई, तो वे दिल्ली से जोधपुर आए. अपने पिता को समझाया लेकिन वे डर गए. फिर बेटा उनको लेकर बुधवार को थाने गया. जहां थानाधिकारी ने उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन बुजुर्ग एफआईआर के लिए नहीं माने.
पांच लाख रुपए होल्ड: बुजुर्ग को समझाते हुए थानाधिकारी ने बताया कि किस तरह से डिजिटल अरेस्ट कर बदमाश नकली पुलिस बनकर लोगों को ठग रहे हैं. समझाने के बाद उन्होंने एफआईआर दी. थानाधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है. टीम ने जिन-जिन खातों में ठगों ने रुपए ट्रांसफर कराए, उनकी राशि भी होल्ड कराने की कवायद शुरू कर दी. अभी तक पांच लाख रुपए ही होल्ड हो पाए हैं. उल्लेखनीय है कि जोधपुर में पहले भी डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें आईआईटी प्रोफेसर, एक रिटार्यड मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल सहित कई लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं.
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11 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट: नेहरू पार्क क्षेत्र में अकेले रहने वाले अजीतराज भंडारी के बेटे का परिवार दिल्ली में रहता है. 2 फरवरी को भंडारी के पास एक अनजान नंबर से वॉट्सएप कॉल आया. इस दौरान उस व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया. उसने कहा कि आप नरेश गोयल के जेट एयरवेज से जुड़े फ्रॉड केस में शामिल हो. धमका कर भंडारी के खातों की जानकारी ले ली. इसके बाद कहा कि जांच होने तक पूरी राशि उनके बताए खातों में ट्रांसफर करें, नहीं तो गिरफ्तार कर लिए जाओगे. भंडारी बदमाशों से डर गए और बताए अनुसार खातों में 11 दिनों में 60 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए.