जयपुर: राजस्थान सरकार में काबीना मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर लगातार प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता हमलावर हो रहे हैं. इस मामले में ताजा बयान पूर्व मंत्री प्रताप सिंह का सामने आया है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में वरिष्ठ नेता इन दिनों अपनी ही पार्टी के नेतृत्व के निशाने पर हैं. किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस के मामले में उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि गलती स्वीकार करना डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा का मिजाज नहीं है, उन्हें ऐसा कहने के लिए पार्टी ने मजबूर किया है.
प्रताप सिंह बोले कि किरोड़ी लाल मीणा जैसे सीनियर लीडर जो 70 साल की उम्र के पार हो चुके हैं, ऐसे बुजुर्ग और सीनियर लीडर को बीजेपी ने डरा धमकाकर गलती मानने पर मजबूर कर दिया. खाचरियावास ने कहा कि जो आदमी सत्ता में आने के लिए संघर्ष करता है. वह सरकार बनने के बाद उम्मीद भी रखता है. प्रताप सिंह ने बोला कि वे डॉक्टर किरोड़ी के संघर्ष का सम्मान करते हैं, लेकिन बीजेपी ने उनके संघर्ष का अपमान किया है. जिसे देखकर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है.
बीजेपी के नेता डरे और सहमे: बीजेपी के तमाम बड़े नेता डरे और सहमे हुए हैं ,वे नेता ऐसा क्यों कर रहे हैं, मैं समझ नहीं सकता. प्रताप सिंह ने राजस्थानी कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि मोर सुंदरता पर मुग्ध होकर नाचने के बाद भी अपने पैरों की तरफ देखकर रोता है. कुछ ऐसा ही बीजेपी में हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नेतृत्व ने ही वरिष्ठ नेताओं को निशाने पर ले लिया है. ऐसे में बाकी लोग क्या करेंगे?
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा मसला बजरी के अवैध खनन से जुड़ा हुआ है. जिसमें किरोड़ी का आरोप था कि रोजाना बनास नदी से 7 करोड़ रुपए की बजरी का दोहन हो रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है? और सरकार इसका आज तक जवाब नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग का मसला नहीं है , यह सारा मसला किरोड़ी लाल मीणा की तरफ से उठाए गए गैरकानूनी बजरी दोहन से जुड़ा है.
सीएम दे फोन टैपिंग पर जवाब: फोन टैपिंग को लेकर प्रताप सिंह ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता, तो सरकार पर सक्रिय नजर नहीं आती. इस मामले में सच्चाई दिख रही है. प्रताप सिंह ने कहा यहां ऐसा नहीं चलेगा, क्योंकि यह राजस्थान की धरती है. यहां के नेताओं को लड़ना भी आता है. उन्होंने कहा हम सच बोलेंगे और जनता की परेशान को रखते हुए सरकार को झुकाएंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी आदिवासी और दलित नेताओं के साथ जैसा व्यवहार कर रही है, वह उचित नहीं है. समरावता कांड का जिक्र करते हुए प्रताप सिंह बोले कि लोग आज भी न्यायिक जांच के जरिए इंसाफ के लिए इंतजार कर रहे हैं.