बाड़मेर. जिले के गिड़ा थाना अंतर्गत बाटाडू गांव की सरहद के रेवाड़ी ग्राम पंचायत में निजी कंपनी मे कार्यरत एक श्रमिक पानी की टंकी पर रंग रोगन का कार्य कर रहा था. इस दौरान हटाने की बलि टूट गई और वह नीचे गिर गया. जिसके बाद उसके सहकर्मियों और आसपास के ग्रामीणों ने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भाडखा गांव ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे बाड़मेर रेफर कर दिया गया. वहीं बाड़मेर जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना पर गिड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया.
परिजनों का आरोप है कि यह हादसा सोमवार सुबह का है, लेकिन रात तक घटना को 12 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक संबंधित कंपनी के अधिकारियों ने इस श्रमिक के बारे में सुध तक नहीं ली. इतना ही नहीं, कंपनी के अधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाए. ऐसे में जब तक आर्थिक मुआवजा नहीं मिलता तब तक हम शव नहीं उठाएंगे. हादसे की सूचना पर जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर पहुंचे आरएलपी के नेताओं ने संबंधित कंपनी के लापरवाह अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह हादसा कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुआ कंट्रक्शन काम में पुरानी लकड़ी की बालियों से आडान बनाया गया था. जिस वजह से यह हादसा हुआ है और घटना के 12 घंटे बाद भी अधिकारियों ने इस परिवार की सुध तक नहीं ली है.
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इससे बड़ी लापरवाही क्या हो सकती है. वहीं, गिड़ा थाना के हेड कांस्टेबल गिरधारी लाल ने बताया कि सुबह कंट्रोल रूम के जरिए जिसके बाद मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि पानी की टंकी पर रंग रोहन का काम करते वक्त बली टूट गई, जिससे हीराराम पुत्र भारमल, निवासी शेरगढ़ जोधपुर घायल हो गया. जिसे प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, सब को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है और इस हादसे की जानकारी मृतक के परिजनों को दी है. उन्होंने बताया कि अभी तक मृतक के परिजनों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है जैसे ही रिपोर्ट दी जाएगी, उसके आधार पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी.