बालोतरा (बाड़मेर). सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक व्यक्ति कह रहा है कि बालोतरा कस्बे की नाहटा अस्पताल में बिजली चले जाने से ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हो गयी, जिसके चलते कई मरीजों की मौत हो गयी. वीडियो बनाने वाला व्यक्ति कह रहा है कि उसके भाई की भी मौत हुई है. उसने बाड़मेर कलेक्टर और राजस्थान सरकार से लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
क्या सच में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई
वीडियो बनाने वाले शख्स का नाम अकरम बताया जा रहा है. वीडियो में अकरम बता रहा है कि नाहटा अस्पताल के कोविड सेंटर में बिजली जाने के बाद समय पर जनरेटर शुरू नहीं होने से ऑक्सीजन पर चल रहे मरीजों की सांसे थम गई. उसने बताया कि उसका भाई भी उसी कोविड वार्ड में एडमिट था. उसके भाई के स्वास्थ्य में काफी सुधार हो रहा था. ऑक्सीजन लेवल भी ठीक चल रहा था. लेकिन बुधवार सवेरे करीब 7:15 बजे बिजली जाने पर करीब 1 घंटे तक जनरेटर शुरू नहीं किया गया. बिजली जाने से आक्सीजन सप्लाई बंद हो गयी. फिर किसी तरह से सप्लाई को शुरू करवाया गया.
सुबह करीब 9 बजे फिर से बिजली चली गयी और फिर करीब आधा घंटा तक जनरेटर शुरू नहीं किया गया. अकरम ने आगे बताया कि इस दरमियान करीब डेढ़ घंटे तक बिजली नहीं मिलने से ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजों को नहीं मिल सकी और करीब 8 लोगों की मौत हो गई. जिसमें उसके बड़े भाई इलियास खान निवासी मिठोड़ा की भी मौत हो गई. मृतक मरीज के भाई ने जिला कलेक्टर से लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन कुछ भी कहने से बच रहा है.
पीएमओ ने क्या कहा
बालोतरा नाहटा हॉस्पिटल पीएमओ ने कहा कि लाइट सुबह कुछ मिनटों के लिए गई थी. लेकिन हमने जनरेटर उसी समय शुरू कर दिया था. जिस समय की बात वायरल वीडियो में की जा रही है. उस समय 33 लोग ऑक्सीजन सिस्टम पर थे. उसमें से 8 लोग ही क्यों खत्म हो गये. ऑक्सीजन सिस्टम में 4 घंटों का बैकअप है. उसके बंद होने से पहले एक अलार्म की आवाज आती है. मृतक इलियास का सीटी स्कोर 21 था. जब भर्ती किया था उस समय 87 था. यह सही है कि नाहटा हॉस्पिटल में 8 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 3 कोरोना नेगेटिव, 3 की रिपोर्ट पेडिंग और 2 मरीज पॉजिटिव थे.