बाड़मेर. जिले की आकली ग्राम पंचायत के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पिछले 8 दिनों से लगातार लिग्नाइट माइन्स के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गिरल लिग्नाइट खदान बाहर से लेबर लाकर काम करवा रही है, जिससे स्थानीय लोग बेरोजगार हो रही हैं. धरने में गांव की बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे बड़ी तादाद में धरने स्थल पर डेरा डाले हुए हैं और लगातार अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
गिरल लिग्नाइट खदान में रोजगार की मांग को लेकर गिरल लिग्नाइट माइन्स ड्राइवर यूनियन के बैनर तले 3 गांवों के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 8 दिनों से आरएसएमएमएल कंपनी के कार्यालय के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि खदान से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है. इसके बावजूद भी प्रभावित गांवों में रोजगार और विकास के कार्य नहीं हो रहे. यहां भूमि के फैलाव से प्रदूषण ग्रामीणों के लिए खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार महज कागजी खानापूर्ति कर रही है. वहीं बेरोजगार युवाओं को कंपनी रोजगार दिलाने में भी विफल है.
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ग्रामीण अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिले, खनन खदान में आस्था का मंदिर का संपूर्ण निर्माण और विकास खनन से निकलने वाले धुएं और राख का स्थाई निराकरण हो और प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रावधान प्रभावित गांवों को बिजली पानी और स्वास्थ्य सेवाओं उपलब्ध करवाएं. अग्निशामक यंत्र और एंबुलेंस प्रभावित गांवों तक मिले इन सब मांगों को लेकर ग्रामीण पिछले 8 दिनों से विरोध प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.