बाड़मेर. लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों के किसी भी प्रकार के अवकाश और मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है. ऐसे में इसके बावजूद गड़रा पंचायत समिति के विकास अधिकारी गणपत राम सुथार बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़कर चले गए. मुख्यालय छोड़ने पर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि गजरा विकास अधिकारी गणपत राम सुतार के बिना सक्षम अनुमति के अपने गांव जाने की जानकारी मिली थी. शिव उपखंड अधिकारी से प्राप्त जांच रिपोर्ट के अनुसार विकास अधिकारी बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के 3 अप्रैल को मुख्यालय छोड़कर जैसलमेर और फिर जैसलमेर से अपने गांव चाचा, जो पुलिस थाना पोकरण में है, वहां चले गए. यह कोरोना वायरस के मद्देनजर अति संवेदनशील है, इसके बाद विकास अधिकारी 7 अप्रैल को सुबह वापस गड़रा रोड लौट आए.
वहीं कलेक्टर ने बताया कि वापस लौटने के बाद भी अधिकारी ओर से अपनी स्क्रीनिंग नहीं करवाई गई. जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित स्थान से लौटने पर इनको सबसे पहले अपनी स्क्रीनिंग करवानी थी. निर्धारित अवधि के दौरान इनको क्वॉरेंटाइन अथवा होम आइसोलेशन में रहना था, लेकिन इनकी ओर से ऐसा नहीं किया गया. साथ ही अधिकारी ने विभिन्न बैठकों में भाग लिया. इससे इनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि इनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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राज्य सरकार के आदेश के विपरीत बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति से मुख्यालय छोड़ने और मुख्यालय पर फिर से आकर स्क्रीनिंग नहीं करवाने, कोरोना वायरस के प्रकोप से ग्रसित क्षेत्र में यात्रा करने के उपरांत निर्धारित अवधि तक क्वॉरेंटाइन, होम आइसोलेशन में नहीं रहने और संपर्क में आने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने को लेकर उनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशाआत्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, इसको लेकर गडरा विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही तीन दिन की अवधि में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर नियम अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.