सिवाना (बाड़मेर). सिवाना कस्बे के मुख्य बाजार गांधी चौक पर बना आयुर्वेदिक चिकित्सालय खुद बीमार नजर आ रहा है. अस्पताल में लंबे समय से चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही हैं.
कस्बे से निकलने वाले मुख्य सड़क मार्ग NH-325 मोकलसर रोड गांधी चौक पर स्थित उपखंड का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल दयनीय स्थिति से गुजर रहा है. वर्तमान समय में एकमात्र कंपाउंडर और परिचायक के भरोसे ही चिकित्सा व्यवस्था चल रही है.
वहीं, लंबे समय से चिकित्सक का पद रिक्त होने के कारण मरीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की सुविधा ना के बराबर मिल रही है. इतना बड़ा चिकित्सालय होने के बावजूद चिकित्सक नहीं होने से क्षेत्र से इक्का-दुक्का ही मरीज यहां आते हैं. अस्पताल में आने वाले मरीजों को नाममात्र का परामर्श और उपचार ही मिलता है.
समय-समय पर फैली महामारियां या बीमारियों के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सालय याद जरूर आता है. वाहवाही लूटने, मीडिया में प्रसिद्धि पाने और फोटो खिंचवाने को लेकर नेता और जनप्रतिनिधि आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाने के आयोजनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आते रहते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं है. लंबे समय से चिकित्सालय में चिकित्सक की कमी और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और औषधियां उपलब्ध करवाने को लेकर किसी का ध्यान नहीं जाता. जिसके कारण लंबे समय से लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की सेवाएं ना के बराबर मिल रही है.
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जर्जर हालत में अस्पताल का मुख्य गेट
आयुर्वेदिक अस्पताल में आवागमन का मुख्य गेट पिछले दो दशक से जर्जर हालत में होने के कारण बंद पड़ा है. मुख्य गेट में दरारे आने गेट के मिनारों में लगे पत्थर टूटने और खिसकने से मुख्य गेट हादसे को न्योता देता नजर आ रहा है. इस गेट को अस्पताल प्रशासन ने बंद कर दिया है. जिससे कोई हादसा ना हो.
मुख्य गेट की मरम्मत को लेकर स्थानीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय प्रशासन की ओर से समय-समय पर विभागीय उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद भी कई सालों से समस्या जस की तस बनी हुई है. रखरखाव और मरम्मत कार्यों को लेकर किसी भी प्रकार का प्रशासन और उच्च अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है.