बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर शिक्षक दिवस के मौके पर टीचर्स शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के खिलाफ सड़कों पर उतर गए. इस दौरान शिक्षक नेता नूतन पूरी ने खुले तौर पर शिक्षा मंत्री को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री ने अपना तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया तो उन्हें इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव 2023 में भुगतना पड़ेगा.
शिक्षक नेता नूतन पुरी के साथ शिक्षक के शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. शिक्षक नेता नूतन पुरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि जिस तरीके से 24 अगस्त को तबादले के लिए सेटअप नीति जारी की गई थी. इस सेटअप नीति का मतलब सिर्फ इतना सा था कि किसी भी तरीके से जो लोग लक्ष्मणगढ़ और सीकर जिले के बाहर है, उन लोगों को पुनः वापस गृह जिले में लाया जाए. कुछ नियमों प्रक्रिया के चलते उनके तबादले नहीं हो रहे थे.
इसी के कारण शिक्षा मंत्री ने पूरे राजस्थान के शिक्षकों पर सेटअप परिवर्तन नीति के तहत तबादलों का दबाव बना दिया. हम इसी के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. हम शिक्षा मंत्री को चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर उन्होंने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हम उन्हें उनकी असली जगह बता देंगे.
यह भी पढ़ें. शिक्षक दिवस विशेष : 75 साल पहले आदिवासी बालिका काली बाई ने अंग्रेजों की गोली खाकर जगाई थी शिक्षा की अलख
शिक्षकों ने सौंपे ज्ञापन में बताया कि नवीन सेवा नियम 2021 के मुताबिक पंचायती राज के 3 साल के अनुभव को हटाकर 0 साल करने की घोषणा सरकार ने की थी. इसी बात को लेकर शिक्षकों में विवाद हो गया था. यह नियम सारी विवाद का जड़ है. जिसको लेकर शिक्षक अब राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री के खिलाफ सड़कों पर हैं.
शिक्षक नेता का आरोप है कि डोटासरा ने अपने व्यक्तिगत हित के लिए पूरे प्रदेश के शिक्षकों के सेटअप परिवर्तन करने का आरोप लगाया है. डोटासरा अपनी चाहतों का फायदा करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. नूतन पुरी ने चेतावनी दी कि अगर नहीं माने तो लक्ष्मणगढ़ जाकर मंत्री के सामने चुनाव लड़कर शिक्षक जवाब देंगे.