बाड़मेर. जिले के मां हिंगलाज शक्तिपीठ पर शनिवार को दुर्गा अष्टमी के मौके पर यज्ञ पूजा और शाम को महाआरती कर होम अष्टमी मनाई गई. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ में नवरात्र के दिनों में हजारों भारतीय श्रद्धालु माता हिंगलाज के दर्शन के लिए जाते हैं. ऐसे में इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाए. ऐसे में बाड़मेर में मां हिंगलाज शक्तिपीठ से अखंड ज्योति लाई गई थी. जो आज भी यहां पर प्रज्ज्वलित है. इस शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था जुड़ी हुई है.
मंदिर के पुजारी स्वरूप जोशी ने बताया कि बाड़मेर का यह हिंगलाज शक्तिपीठ लोगों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ से अखंड ज्योति लाई गई थी, जो आज भी प्रज्ज्वलित है. वहीं नवरात्रि के दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में मां हिंगलाज के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कोविड-19 की वजह से इस बार मंदिर कमेटी की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन पालना अनुसार एक समय में 4 लोगों से अधिक लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. मास्क सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार को होम अष्टमी के दिन मंदिर में विशेष पूजा अर्चना और यज्ञ किया गया. वहीं शाम को मां आरती का भी आयोजन किया गया.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित मां हिंगलाज का धाम भारतीयों के लिए आस्था का केंद्र रहा है. प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालुओं के जाते हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया. वहीं वर्तमान दिनों में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी दरार आई है. जिसकी वजह से श्रद्धालु मां हिंगलाज के धाम यात्रा नहीं कर पा रहे हैं.
ऐसे में बाड़मेर का यह शक्तिपीठ बेहद खास माना जाता है. इस मंदिर में पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित मां हिंगलाज शक्तिपीठ से अखंड ज्योति लाई गई थी, जो इस मंदिर में आज भी प्रचलित हो रही है. जिस वजह से यह श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था का केंद्र बना हुआ है. हर वर्ष नवरात्रि में बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. हालांकि मंदिर प्रबंधक द्वारा इस बार कोई नवरात्रि में बड़ा आयोजन नहीं किया गया.