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बाल कलाकारों ने उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का किया मंचन

बाड़मेर के मुल्तान भीख चंद छाजेड़ कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को भुवनेश्वर से आए नक्षत्र गुरुकुल के बारह सदस्यों के बाल कलाकारों ने उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन किया. नृत्य के दौरान दिखाए मुद्राओं को देख हर कोई हैरान हुआ.

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Published : Aug 1, 2019, 6:45 PM IST

बाड़मेर. शहर के मुल्तान भीख चंद छाजेड़ कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को भुवनेश्वर से आए नक्षत्र गुरुकुल के बारह सदस्यों के बाल कलाकारों ने उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन किया. स्पीक मेके के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनोरम व सुंदर दृश्य के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.

उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन

नृत्य देख कॉलेज की छात्राएं आश्चर्यचकित हो गई. गुरुकुल के बच्चों ने पौराणिक कथाओं पर दक्षता के साथ मंचन किया. इन बाल कलाकारों को कॉलेज के प्राचार्य डॉ हुकमा राम सुथार ने पुरस्कृत करते हुए कहा कि गोट्टीपुआ 300 सालों से अधिक प्राचीन लोक नृत्य शैली है.

पढ़ें:बारिश के चलते ढहा मकान, एक बच्चे समेत तीन लोगों के दबे होने की आशंका

यह शैली जो ओडीसी नृत्य की जननी भी है. इन तमाम जानकारियों से कॉलेज की छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिला. बाल कलाकारों के दल का नेतृत्व विजय साहू कर रहे थे. दल के कलाकारों का स्वागत मुकेश पचौरी और इंद्रप्रकाश पुरोहित ने किया. प्राचार्य डॉ सुथार ने कलाकारों के प्रति आभार प्रकट किया. इस मौके पर कॉलेज छात्राएं काफी संख्या में उपस्थित रही.

बाड़मेर. शहर के मुल्तान भीख चंद छाजेड़ कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को भुवनेश्वर से आए नक्षत्र गुरुकुल के बारह सदस्यों के बाल कलाकारों ने उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन किया. स्पीक मेके के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनोरम व सुंदर दृश्य के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.

उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन

नृत्य देख कॉलेज की छात्राएं आश्चर्यचकित हो गई. गुरुकुल के बच्चों ने पौराणिक कथाओं पर दक्षता के साथ मंचन किया. इन बाल कलाकारों को कॉलेज के प्राचार्य डॉ हुकमा राम सुथार ने पुरस्कृत करते हुए कहा कि गोट्टीपुआ 300 सालों से अधिक प्राचीन लोक नृत्य शैली है.

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यह शैली जो ओडीसी नृत्य की जननी भी है. इन तमाम जानकारियों से कॉलेज की छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिला. बाल कलाकारों के दल का नेतृत्व विजय साहू कर रहे थे. दल के कलाकारों का स्वागत मुकेश पचौरी और इंद्रप्रकाश पुरोहित ने किया. प्राचार्य डॉ सुथार ने कलाकारों के प्रति आभार प्रकट किया. इस मौके पर कॉलेज छात्राएं काफी संख्या में उपस्थित रही.

Intro:बाड़मेर


बाड़मेर के कन्या महाविद्यालय में उड़ीसा के नक्षत्र गुरुकुल ने पेश किया हुआ ,


बाड़मेर शहर के मुल्तान भीख चंद छाजेड़ कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को भुनेश्वर से आए नक्षत्र गुरुकुल के बारह सदस्यों के बाल कलाकारों ने उड़ीसा के प्रसिद्ध गोट्टीपुआ नृत्य का मंचन किया स्पीक मेक के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनोरम व सुंदर दृश्य के साथ प्रस्तुत किए गए।





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नृत्य देख कॉलेज की छात्राएं आश्चर्यचकित हो गई गुरुकुल के बच्चों ने पेराणिक कथाओं की अलग क्यों को दक्षता के साथ मंचन किया। इन बाल कलाकारों को कॉलेज के प्राचार्य डॉ हुकमा राम सुथार ने पुरस्कृत करते हुए कहा कि गोट्टीपुआ तीन सौ वर्षों से अधिक प्राचीन लोक नृत्य शैली है जो ओडीसी नृत्य की जननी है इसे कॉलेज की छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिला बाल कलाकारों के दल का नेतृत्व विजय साहू कर रहे थे।


Conclusion:इससे पूर्व दल के कलाकारों का स्वागत मुकेश पचौरी व इंद्रप्रकाश पुरोहित ने किया प्राचार्य डॉ सुथार ने कलाकारों के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर कॉलेज छात्राएं काफी संख्या में उपस्थित रही।

बाईट- डॉक्टर हुकमा राम सुथार कॉलेज प्राचार्य

बाईट- भारती महेश्वरी , उपाध्यक्ष छात्रसंघ गर्ल्स कॉलेज बाड़मेर
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