बाड़मेर. निजी लैब टेक्नीशियन संघ ने वर्ष 2014 से पूर्व लैब टेक्नीशियन को मान्यता देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. निजी लैब टेक्नीशियन संघ ने बाड़मेर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
लैब टेक्नीशियन संघ ने वर्ष 2014 से पूर्व सभी लैब टेक्नीशियन को मान्यता देने की मांग की. इस दौरान जिलेभर के निजी लैब टेक्नीशियन के लोग उपस्थित रहे. बाड़मेर निजी लैब टेक्नीशियन संघ ने जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
लैब टेक्नीशियन संघ ने ज्ञापन में बताया कि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी. काउंसलिंग के गठन के पश्चात नियमानुसार राजस्थान में सभी पैरामेडिकल टेक्नीशियनों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया था लेकिन इसके पूर्व के सालो में पैरामेडिकल के पंजीकरण को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था.
पढ़ें: सुषमा स्वराज ने दिया था 'मोदी है तो मुमकिन है' का नारा, इस नारे की भी हुई थी चर्चा
वर्ष 2014 से पूर्व राजस्थान के सभी अभ्यर्थियों द्वारा पैरामेडिकल का प्रशिक्षण राजस्थान एवं राजस्थान से बाहर के राज्यों से एनजीओ डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा हुआ है. जो कि राज्य में पैरामेडिकल टेक्नीशियन के रूप में राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सस्ती दरों पर पैथोलॉजी लैब एक्स-रे का कार्य कर रहे है. साथ ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हुए राज्य में मरीजों को भी सस्ती दर पर सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं.
पढ़ें: जयपुर का ये पाकिस्तानी हिन्दू परिवार नहीं भूल पायेगा सुषमा स्वराज को...जानिए वजह
वर्ष 2014 से पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त इन पैरा मेडिकल टेक्नीशियनो का राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग द्वारा इनके प्रशिक्षण को अमान्य बताते हुए पंजीकरण नहीं किया जा रहा है. इस कारण राजस्थान के करीब 25 से 30 हजार पैरा मेडिकल टेक्नीशियनों को रोजगार समाप्त हो जाने के कारण उनके परिवार के भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है.
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में पैरा मेडिकल टेक्नीशियन ने सभी पैरा मेडिकल टेक्नीशियनो को पंजीकरण काउंसलिंग से करवा कर इनको रोजगार से बचाने की मांग की इस दौरान जिलेभर के निजी लैब टेक्नीशियन उपस्थित रहे.