बाड़मेर. जिले में कोविड-19 की रफ्तार जहां पिछले कुछ दिनों से धीमी पड़ती नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय में कुछ कर्मचारियों की लापरवाहियां आमजन पर भारी पड़ सकती है. राजकीय चिकित्सालय में बने कोविड-19 वार्ड में जाकर मरीजों को देखने के लिए चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ पीपीई किट पहनकर जाते हैं और उसे उपयोग के बाद तुरंत ही निस्तारित किया जाना अति आवश्यक है. जिससे कोरोना संक्रमण ना फैले, लेकिन चिकित्सालय के पास बने डंपिंग यार्ड के आस-पास उपयोग लिए गए पीपीई किट के खुले में ही फेंक दिए जाते है. जिससे संक्रमण फैलने का पूरा खतरा बना हुआ है.
इस पूरे मामले को लेकर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल मंसूरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की बात मेरे ध्यान में नहीं है, अगर कहीं लापरवाही आती है, तो उन कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर बी एल मंसूरिया के अनुसार स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीपीई किट के निस्तारण को लेकर ट्रेनिंग दी गई थी.
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उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत इसका निस्तारण किया जाता है, अगर कर्मचारियों की लापरवाही सामने आती है, तो निश्चित रूप से उन पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में जुड़े चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षित बनाने में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई किट) की बड़ी भूमिका है. बशर्ते है कि इस्तेमाल के बाद उसको सही तरीके से निस्तारण किया जाए. इस्तेमाल के बाद इधर-उधर खुले में छोड़ देने से संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही आमजन पर भारी पड़ सकती है. बहरहाल चिकित्सा प्रशासन ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.