बाड़मेर. जिले में गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिल रहा है. इस बीच लोगों को उम्मीद होने लगा है कि गर्मी से कोरोना का कहर कम होगा. ऐसा माना जाता है कि जहां पर तापमान अधिक है, वहां पर इस का असर का थोड़ा कम देखा जा रहा है. इस बीच एक राहत की खबर पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले से है. जहां के अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या घटी है.
तापमान के बढ़ते असर के चलते पीएचसी, सीएससी के साथ ही जिला अस्पताल में सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीजों की सख्या में जबरदस्त तरीके से गिरावट आई है. वहीं चिकित्सा विभाग का कहना है कि हमारे लिए बड़ी राहत की खबर है, जो कि इस महामारी से निपटने में बहुत ही मदद करेगी, क्योंकि यहां पर तापमान हमेशा ज्यादा रहता है.
राजस्थान में इस वक्त कोरोना वायरस ने 10 से अधिक जिलों में अपने पैर पसार रखे हैं. ऐसे में चिकित्सकों को भी वहां दिन रात ड्यूटी करनी पड़ रही है. इस बीच राहत की कि यह खबर है कि राजस्थान के कुछ इलाकों में तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा तापमान बाड़मेर जिले में 37 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. इससे सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों में आई गिरावट चिकित्सकों के लिए भी राहत की खबर है. इस स्थिति में चिकित्सक महामारी से निबटने में ज्यादा ध्यान दे सकेंगे.
बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी के अनुसार 3 दिनों से लगातार तापमान बढ़ने से ओपीडी की संख्या में जबरदस्त तरीके से गिरावट आई है और तापमान बढ़ने से इस महामारी से निपटने में आसानी होगी. तापमान लगातार इसी तरीके से बढ़ते रहे तो बाड़मेर के लोगों के लिए इससे अच्छी खबर कुछ और हो नहीं सकती है.
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वहीं, बाड़मेर के लोगों का मानना है कि यहां पर जबरदस्त तरीके से गर्मी पड़ती है, जो कि इस महामारी से निपटने के लिए मददगार साबित हो सकेगी. राजस्थान का रेगिस्तान सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है और तापमान 50 से पार चला जाता है. हमेशा तो इस तापमान से यहां के लोग परेशान हो जाते थे, लेकिन इस लोग ये चाह रहे हैं कि गर्मी पड़े ताकि वायरस का खतरा कम हो.