सिवाना (बाड़मेर). बाड़मेर के सिवाना कस्बे में कोरोना माहामारी और लॉकडाउन के बीच मुस्लिम धर्म के सबसे बड़े पर्व ईद-उल-फितर को मुस्लिम भाइयों ने अपने घर में रहकर मनाया. साथ ही घर में रहकर ही नमाज अदा की. मुस्लिम भाइयों ने कोरोना के चलते केंद्र और राज्य सरकारों के आदेशों की पालना करते हुए लॉकडाउन के दौरान घरों में रहकर ही ईद का पर्व मनाया गया. साथ ही क्षेत्र के ईदगाह आज पहली बार सुनसान रहे.
समदडी कस्बे में भी मुस्लिम भाइयों ने ईद-उल-फितर पर्व धार्मिक परंपराओं के साथ सादगी से मनाया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा कर अल्लाह से कोरोना महामारी के संकट को खत्म करने की दुआ मांगी.
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इमाम केफी हैदर ने बताया कि, इस बार लोगों ने एक दूसरे को सोशल मीडिया पर ईद मुबारक के संदेश भेजने के अलावा फोन कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. कुछ लोग ही मस्जिद में सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए नमाज अदा की. बाकी सभी ने अपने अपने घरों में नमाज अदा कर देश में अमन, चैन की रब की बारगाह से दुआ की. लोगों ने गले मिलने और मुसाफा लेने से भी परहेज रखा.
पक्षियों के लिए टांगे परिंडे
वहीं ईद के इस पावन पर्व पर समदडी कस्बे में जाकिर हुसैन पठान के नेतृत्व में मुस्लिम युवाओं और सभी समाज के लोगों के साथ मिलकर पक्षियों के लिए कस्बे के सार्वजनिक स्थानों पर 31 परिंडे लगाए. साथ ही अल्लाह से कोरोना महामारी खत्म करने की दुआ की.