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बाड़मेरः 'मोहन से महात्मा' कठपुतली शो का मंचन, छात्र छात्राओं ने समझी बापू की जीवन गाथा

बाड़मेर के बालोतरा में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वाधान में 'मोहन से महात्मा' कठपुतली शो का मंचन किया गया. 50 मिनट के इस शो में गांधीजी की जीवन यात्रा को दर्शाया गया.

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"मोहन से महात्मा" कठपुतली शो का हुआ मंचन
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Published : Feb 16, 2020, 8:40 AM IST

बालोतरा (बाड़मेर). महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. उसी कड़ी में बाड़मेर के बालोतरा में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वाधान में 'मोहन से महात्मा' कठपुतली शो का मंचन किया गया. 50 मिनट के इस शो में गांधीजी की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है.

"मोहन से महात्मा" कठपुतली शो का हुआ मंचन

बालोतरा में पहली बार इतने रोचक तरीके से किसी शो का मंचन किया जा रहा है. मोहन से महात्मा शो को देखने के लिए जिलेभर से हजारों विद्यार्थियों पहुंचे. इस शो से उन्हें गांधी जी के जीवन को करीब से समझने का मौका मिल रहा है.

पढें. कोटा कलेक्टर ने घर जाकर बुजुर्ग से क्यों मांगी माफी......

शो को देखने के लिए जसोल ग्राम पंचायत से 1250 विद्यार्थियों और 35 शिक्षक, असाड़ा ग्राम पंचायत से 550 विद्यार्थियों और 23 शिक्षक और बालोतरा के माली समाज भवन में स्थानीय क्षेत्र के विद्यालय के 730 विद्यार्थी कठपुतली शो को देखने पहुंचे. शो के निर्देशक मिथिलेश दुबे ने वहां मौजूद शिक्षकों और छात्र छात्राओं के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया, कि धीरे-धीरे इस प्रकार की कला विलुप्त होती जा रही है. कठपुतली कला राजस्थान की प्राचीनतम कला है. इसका महत्व धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. इस प्रकार की कला को जीवित रखने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी बनती है.

अजीज प्रेमजी फाउंडेशन के साथी दिनेश कुमार ने बताया, कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा विभाग के साथ शिक्षा के उन्नयन को लेकर काम कर रहा है. इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में और ज्यादा किए जाएं, जिससे अधिक से अधिक शिक्षकों को और छात्र-छात्राएं महात्मा गांधी के जीवन गाथा को समझ सके.

बालोतरा (बाड़मेर). महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. उसी कड़ी में बाड़मेर के बालोतरा में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तत्वाधान में 'मोहन से महात्मा' कठपुतली शो का मंचन किया गया. 50 मिनट के इस शो में गांधीजी की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है.

"मोहन से महात्मा" कठपुतली शो का हुआ मंचन

बालोतरा में पहली बार इतने रोचक तरीके से किसी शो का मंचन किया जा रहा है. मोहन से महात्मा शो को देखने के लिए जिलेभर से हजारों विद्यार्थियों पहुंचे. इस शो से उन्हें गांधी जी के जीवन को करीब से समझने का मौका मिल रहा है.

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शो को देखने के लिए जसोल ग्राम पंचायत से 1250 विद्यार्थियों और 35 शिक्षक, असाड़ा ग्राम पंचायत से 550 विद्यार्थियों और 23 शिक्षक और बालोतरा के माली समाज भवन में स्थानीय क्षेत्र के विद्यालय के 730 विद्यार्थी कठपुतली शो को देखने पहुंचे. शो के निर्देशक मिथिलेश दुबे ने वहां मौजूद शिक्षकों और छात्र छात्राओं के साथ बातचीत की. उन्होंने बताया, कि धीरे-धीरे इस प्रकार की कला विलुप्त होती जा रही है. कठपुतली कला राजस्थान की प्राचीनतम कला है. इसका महत्व धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. इस प्रकार की कला को जीवित रखने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी बनती है.

अजीज प्रेमजी फाउंडेशन के साथी दिनेश कुमार ने बताया, कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा विभाग के साथ शिक्षा के उन्नयन को लेकर काम कर रहा है. इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में और ज्यादा किए जाएं, जिससे अधिक से अधिक शिक्षकों को और छात्र-छात्राएं महात्मा गांधी के जीवन गाथा को समझ सके.

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