बाड़मेर. जिले में पिछले लंबे समय से कई कंपनियों की ओर से तेल गैस खनन का कार्य किया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के श्रमिक काम कर रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनी के कार्मिकों को सैलरी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते बड़ी संख्या में आए दिन श्रमिक बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पहुंचकर अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए जिला कलेक्टर से सैलरी दिलाने की मांग कर रहे हैं.
बाड़मेर में पिछले लंबे समय से तेल गैस की खोज में जुटी कंपनी के अधीन निजी कंपनियों में काम कर रहे करीबन 60 श्रमिकों ने सैलरी दिलाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने आए श्रमिकों ने बताया कि वह जिस निजी कंपनी में काम कर रहे हैं, उसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब समेत विभिन्न राज्यों के सैकड़ों श्रमिक कार्यरत हैं. सभी लॉकडाउन के चलते अपने घर जाना चाहते थे. लेकिन कंपनी ने 15 अप्रैल तक सैलरी दिलाने की बात कहकर उन मजदूरों को रोक लिया था.
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श्रमिकों की माने तो कंपनी के अधिकारी सैलरी देने को लेकर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब उनके खाने-पीने और रहने की भी मुश्किलें पैदा हो गई हैं. जिसके चलते उन्होंने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पहुंचकर, जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. श्रमिकों ने मांग की है कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और ऐसे में अब कंपनी उनको बकाया सैलरी नहीं दे रही है. जिसके चलते अब उनके रहने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. लिहाजा उनकी इन समस्याओं को देखते हुए कलेक्टर इस पूरे मामले में हस्तक्षेप कर उनकी बकाया सैलरी दिलवाएं.