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चित्तौड़गढ़: मुख्यमंत्री जनआवास योजना के प्रतीक्षारत आवेदकों के लिए निकाली गई लॉटरी - मुख्यमंत्री जनआवास योजना

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की ओर से सोमवार शाम को गांधीनगर के सेक्टर-5 में स्थित मुख्यमंत्री जनआवास योजना के प्रतीक्षारत आवेदकों के लिए लॉटरी निकाली गई. इस दौरान वर्ष 2016 में निकाली गई लॉटरी के दौरान प्रतीक्षारत रहे 62 आवेदकों का नाम शामिल किया गया.

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चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की ओर से मुख्यमंत्री जनआवास योजना के लिए निकाली गई लॉटरी
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Published : Aug 25, 2020, 1:31 AM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में सोमवार शाम को नगर परिषद की ओर से गांधीनगर के सेक्टर-5 में स्थित मुख्यमंत्री जनआवास योजना के प्रतीक्षारत आवेदकों के लिए लॉटरी निकाली गई. इस दौरान इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में सभापति संदीप शर्मा, चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप मे सहायक कोषाधिकारी गोविंद चतुर्वेदी, नगर परिषद की आयुक्त दुर्गा कुमारी और कई आवेदक मौजूद रहे .

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की ओर से मुख्यमंत्री जनआवास योजना के लिए निकाली गई लॉटरी

पढ़ें: Special: कोरोना की भेंट चढ़ा होटल-ढाबा का व्यवसाय, सैकड़ों मजदूरों पर गहराया आर्थिक संकट

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की आयुक्त आयुक्त दुर्गा कुमारी ने बताया कि गांधीनगर के सेक्टर-5 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत 496 फ्लैट्स निर्मित हैं. ये फ्लैट्स 4 मई 2016 को लॉटरी से आवंटित किए गए थे. लेकिन, कुछ लाभार्थियों द्वारा राशि वापस ले लिए जाने के कारण शेष फ्लैट्स प्रतीक्षारत आवेदकों को फिर से लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया जाना था. इसके लिए जिन व्यक्तियों ने पहले मुख्यमंत्री जनआवास योजना में फ्लैट आवंटन के लिए आवेदन कर रखे हैं और उनको पहले लॉटरी के तहत फ्लैट नहीं मिला है, ऐसे प्रतीक्षारत लोगों के लिए लॉटरी श्रेणी के अनुसार निकाली गई.

लॉटरी में ईडब्लूएस के लिए सामान्य वर्ग के 21, अनूसूचित जाति के 2 और अनूसूचित जनजाति के 5 आवेदकों का नाम शामिल किया गया. वहीं, एलआईजी के लिए सामान्य वर्ग के 28, अनूसूचित जाति के 5 और अनूसूचित जनजाति के 1 व्यक्ति का नाम शामिल कर लॉटरी निवाली गई. इस तरह कुल 62 आवेदकों की लॉटरी निकाली गई.

पढ़ें: SPECIAL: राजस्थान का ऐसा सरकारी कॉलेज, जहां इंजीनियरिंग के साथ-साथ पढ़ाया जाता है 'पर्यावरण' का पाठ!

बता दें कि वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना शुरू की गई, जिसमें 496 लोगों की दो केटेगरी में लॉटरी निकाली गई. इनमें से कई लोगों ने आवंटन होने के बावजूद मकानों के लिए पैसे जमा नहीं कराए और कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने अपने जमा किए हुए पैसे भी वापस ले लिए. वहीं, चित्तौड़गढ़ में वर्ष 2016 में निकाली गई लॉटरी के बाद कई लोग ऐसे थे, जिनके आशियाने का सपना पूरा नहीं हुआ था. लेकिन, अब 4 साल बाद फिर से उनकी किस्मत खुली और कई लोगों के आशियाने का सपना पूरा हुआ है.

चित्तौड़गढ़. जिले के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में सोमवार शाम को नगर परिषद की ओर से गांधीनगर के सेक्टर-5 में स्थित मुख्यमंत्री जनआवास योजना के प्रतीक्षारत आवेदकों के लिए लॉटरी निकाली गई. इस दौरान इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में सभापति संदीप शर्मा, चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप मे सहायक कोषाधिकारी गोविंद चतुर्वेदी, नगर परिषद की आयुक्त दुर्गा कुमारी और कई आवेदक मौजूद रहे .

चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की ओर से मुख्यमंत्री जनआवास योजना के लिए निकाली गई लॉटरी

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चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की आयुक्त आयुक्त दुर्गा कुमारी ने बताया कि गांधीनगर के सेक्टर-5 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत 496 फ्लैट्स निर्मित हैं. ये फ्लैट्स 4 मई 2016 को लॉटरी से आवंटित किए गए थे. लेकिन, कुछ लाभार्थियों द्वारा राशि वापस ले लिए जाने के कारण शेष फ्लैट्स प्रतीक्षारत आवेदकों को फिर से लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया जाना था. इसके लिए जिन व्यक्तियों ने पहले मुख्यमंत्री जनआवास योजना में फ्लैट आवंटन के लिए आवेदन कर रखे हैं और उनको पहले लॉटरी के तहत फ्लैट नहीं मिला है, ऐसे प्रतीक्षारत लोगों के लिए लॉटरी श्रेणी के अनुसार निकाली गई.

लॉटरी में ईडब्लूएस के लिए सामान्य वर्ग के 21, अनूसूचित जाति के 2 और अनूसूचित जनजाति के 5 आवेदकों का नाम शामिल किया गया. वहीं, एलआईजी के लिए सामान्य वर्ग के 28, अनूसूचित जाति के 5 और अनूसूचित जनजाति के 1 व्यक्ति का नाम शामिल कर लॉटरी निवाली गई. इस तरह कुल 62 आवेदकों की लॉटरी निकाली गई.

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बता दें कि वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना शुरू की गई, जिसमें 496 लोगों की दो केटेगरी में लॉटरी निकाली गई. इनमें से कई लोगों ने आवंटन होने के बावजूद मकानों के लिए पैसे जमा नहीं कराए और कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने अपने जमा किए हुए पैसे भी वापस ले लिए. वहीं, चित्तौड़गढ़ में वर्ष 2016 में निकाली गई लॉटरी के बाद कई लोग ऐसे थे, जिनके आशियाने का सपना पूरा नहीं हुआ था. लेकिन, अब 4 साल बाद फिर से उनकी किस्मत खुली और कई लोगों के आशियाने का सपना पूरा हुआ है.

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