बाड़मेर. कांगो में हिंसक प्रदर्शन के दौरान बाड़मेर के लाल सांवलाराम विश्नोई के अंतिम संस्कार में उनकी बहन और पत्नी द्वारा एक साथ अंतिम सलामी (last tribute to brother) देने से वहां मौजूद कई लोगों की आंखें नम हो गई (Brother martyr before Raksha Bandhan). कांगों में शहीद हुए सांवलाराम के लिए ग्रामीणों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. शव यात्रा के बाद शहीद को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. भाई की शहादत पर बहन ने कहा कि मुझे गर्व है. लेकिन राखी का पर्व आने वाला है ऐसे भाई की कमी खलेगी उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं.शहीद की मुंह बोली बहन ने बताया कि जिस हाथ से राखी बांधती थी, उसी से भाई को आखिरी सलामी दी .
सीमा सुरक्षा बल के बाड़मेर कैंप में शहीद सांवलाराम को बाड़मेरवासियों ने श्रद्धांजलि दी. इसके सैन्य अधिकारियों के साथ ताबूत में राष्ट्रीय तिरंगा से लिपटा जवान सांवलाराम का पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचा. शहीद जवान के शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग उमड़ पड़े. श्रद्धांजलि के बाद शव यात्रा रवाना हुई जो गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए मोक्षधाम पहुंची. यहां शहीद के साथ आए सेना के अधिकारियों और जवानों ने सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी और राष्ट्रीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया.
शहीद की वीरांगना और दोनों बेटो ने वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, बाड़मेर जिले के प्रभारी मंत्री सुखराम बिश्नोई, विधायक पदमाराम मेघवाल बीएसएफ, जिला पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों सहित कई गणमान्य लोगों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए. जिसके बाद शहीद के पिता और दोनों बेटे अक्षय और अभिनव ने कंधा देकर अंतिम संस्कार किया. इस दौरान शहीद सांवलाराम विश्नोई अमर रहे ओर भारत माता के जयकारे गुंजायमान रहे.
पति की शहादत पर गर्व लेकिन दुख तो हमेशा रहेगा : शहीद जवान सांवलाराम की वीरांगना ने कहा कि हमें गर्व है उनकी शहादत पर. लेकिन उनके जाने का दुःख हमेशा रहेगा. ऐसा मान सम्मान हर किसी को नसीब नहीं होता है. शहीद की वीरांगना ने कहा कि उनके पति हमेशा यही कहा करते थे कि वो रहे, न रहे पर उन्हें हिम्मत नहीं हराना है. शहीद की मुंह बोली बहन ने बताया किस तरह से दोनों भाई बहन में प्रेम था. भाई की शहादत पर बहन ने कहा कि मुझे गर्व है. लेकिन राखी का पर्व आने वाला है ऐसे भाई की कमी खलेगी उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं.