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जमुना लड़ रही है जिंदगी और मौत के बीच जंग...सरकार से मदद की आस

सेड़वा गांव में सोमवार शाम को अज्ञात कारणों से लगी आग से 25 परिवार के आशियाने जलकर खाक हो गए. बेघर हुए गरीब परिवारों ने जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का प्रयास शुरु कर दिया है.

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Published : May 9, 2019, 8:36 PM IST

जमुना

बाड़मेर. सेड़वा गांव में सोमवार शाम को अज्ञात कारणों से लगी आग से 25 परिवार के आशियाने जलकर खाक हो गए. हादसे में झुलसी 10 वर्षीय जमुना के लिए जिंदगी एक जंग बन चुकी है. विरधा राम कोली की बेटी जमुना पिछले 3 दिनों से जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है.

जमुना लड़ रही है जिंदगी और मौत के बीच जंग
उसकी देखभाल के लिए उसकी चाची देखने के लिए है, लेकिन पूरे इलाज के लिए जोधपुर रैफर किया जाना है. आर्थिक हालत खराब होने के चलते उनके पास इतना पैसा नहीं है कि जोधपुर जाकर इलाज करवा सके. लिहाजा अब जमुना जिंदगी और मौत के बीच में जंग लड़ रही है. सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि जमुना का 40% शरीर का हिस्सा जल चुका है. गांव वालों के सहयोग से उसे बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, लेकिन बाड़मेर से जोधपुर का सफर आसान नजर नहीं आता. जमुना की चाची नम आंखों से हाथ जोड़कर लोगों से मदद की अपील करती नजर आती है, जिससे जमुना जिंदगी की जंग जीत जाए. अपने जख्मों से बहते खून को देखकर जमुना बार-बार रो रही है. जब जमुना की कहानी बाड़मेर शहर के लोगों को पता चली तो कुछ लोग जमुना के इलाज के लिए पैसे देने के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन जमुना के इलाज में बड़ी रकम लगनी है. इसके लिए उसका परिवार अब गहलोत सरकार से आस लगा रहा है कि सरकार इस मामले में इस बच्ची की मदद करे.

बाड़मेर. सेड़वा गांव में सोमवार शाम को अज्ञात कारणों से लगी आग से 25 परिवार के आशियाने जलकर खाक हो गए. हादसे में झुलसी 10 वर्षीय जमुना के लिए जिंदगी एक जंग बन चुकी है. विरधा राम कोली की बेटी जमुना पिछले 3 दिनों से जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है.

जमुना लड़ रही है जिंदगी और मौत के बीच जंग
उसकी देखभाल के लिए उसकी चाची देखने के लिए है, लेकिन पूरे इलाज के लिए जोधपुर रैफर किया जाना है. आर्थिक हालत खराब होने के चलते उनके पास इतना पैसा नहीं है कि जोधपुर जाकर इलाज करवा सके. लिहाजा अब जमुना जिंदगी और मौत के बीच में जंग लड़ रही है. सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि जमुना का 40% शरीर का हिस्सा जल चुका है. गांव वालों के सहयोग से उसे बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, लेकिन बाड़मेर से जोधपुर का सफर आसान नजर नहीं आता. जमुना की चाची नम आंखों से हाथ जोड़कर लोगों से मदद की अपील करती नजर आती है, जिससे जमुना जिंदगी की जंग जीत जाए. अपने जख्मों से बहते खून को देखकर जमुना बार-बार रो रही है. जब जमुना की कहानी बाड़मेर शहर के लोगों को पता चली तो कुछ लोग जमुना के इलाज के लिए पैसे देने के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन जमुना के इलाज में बड़ी रकम लगनी है. इसके लिए उसका परिवार अब गहलोत सरकार से आस लगा रहा है कि सरकार इस मामले में इस बच्ची की मदद करे.
Intro:अग्नि कांड 10 साल की जमुना लड़ गई है जिंदगी और मौत के बीच जो इलाज के लिए पैसे नहीं
बाड़मेर
बाड़मेर की सेड़वा गांव में सोमवार को शाम आए आग के जलजले ने 25 परिवार के आशियाने को जलाकर खाक कर दिया इन घरों में रहने वाले गरीब परिवारों ने जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने में जतन शुरू कर दी है लेकिन इस जलजले में रखनी 10 वर्षीय जमुना के लिए जिंदगी एक जंग बन चुकी है विरधा राम कोली की बेटी जमुना पिछले 3 दिनों से जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है


Body:उसके पास उसकी चाची देखने के लिए है लेकिन पूरे इलाज के लिए जोधपुर रेफर किया जाना है आर्थिक हालत के चलते इतना पैसा नहीं है कि जोधपुर जाकर इलाज करवा सके लिहाजा अब जमुना जिंदगी और मौत के बीच में जंग लड़ रही है वहीं सरकारी डॉक्टरों का कहना है कि जमुना का 40% जल चुका है गांव वालों के सहयोग से उसे बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है लेकिन बाड़मेर से जोधपुर का सफर आसान नजर नहीं आता जमुना की चाची नाम आंखों से हाथ जोड़कर लोगों से मदद की अपील करती नजर आती है जिससे जमुना की जिंदगी की जंग जीत जाए अपने जख्मों से रिश्ते खून को देख देखकर जमुना बार-बार रो रही है


Conclusion:जब जमुना की कहानी बाड़मेर शहर के लोगों को पता चली तो कुछ लोग जमुना के इलाज के लिए पैसे देने के लिए सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन जमुना के इलाज में बड़ी रकम लगनी है लिया जा उसका परिवार अब गहलोत सरकार से हाथ लगा रहा है कि सरकार इस मामले में इस बच्ची की मदद करें
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