बाड़मेर. राजस्थान के राजस्व मंत्री और पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने जल शक्ति मंत्री को पत्र प्रेषित कर जल जीवन मिशन योजना में केन्द्रीय बजट में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की है. राजस्व मंत्री ने दिल्ली यात्रा के दौरान मंगलवार को जल शक्ति मंत्रालय में अधिकारियों से मिलकर इस संबंध में बात की. उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय अन्तर्गत आरम्भ की गई योजना जल जीवन मिशन के लिए उत्तर-पूर्व के आठ राज्यों में केन्द्रीय और राज्य हिस्सेदारी 90:10 रखी गई है, जबकि अन्य राज्यों में 50:50 है.
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि देश में राजस्थान सबसे बड़ा मरूस्थलीय प्रदेश है. पूर्व में केन्द्र सरकार की ओर से संचालित स्वजलधारा और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना में रेगिस्तानी क्षेत्र के लिए 90:10 की केन्द्रीय और राज्य हिस्सेदारी के आधार पर बजट आवंटित किया जाता था, जबकि जल जीवन मिशन में केन्द्रीय सहायता को कम करके मात्र 50 प्रतिशत कर दिया गया है.
उन्होंने अवगत करवाया कि राजस्थान में सूदुर स्थित गांवों ढ़ाणियों में पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है. वर्तमान परिस्थितियों में राज्य की आर्थिक स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं रही है कि इन योजनाओं में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी कर सके.
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राजस्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि हमारा सौभाग्य है कि मंत्रीमण्डल में गजेन्द्रसिंह जी शेखावत पश्चिमी राजस्थान के प्रतिनिधि के रूप में हैं. साथ ही जल शक्ति जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभाल रहे हैं और जल जीवन मिशन योजना के नीति निर्धारण में उनकी अहम भूमिका है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पहाड़ी क्षेत्रों की भांति मरूस्थलीय राज्य राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना में केन्द्रीय हिस्सेदारी 90:10 करवाने की मांग की.