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बाड़मेरः पाक विस्थापित महिलाओं के लिए रोड़ा बना जाति प्रमाण पत्र, चुनाव लड़ने की कर रहीं थी तैयारी - certificate for Pak displaced women

पाक विस्थापित महिलाएं जो कि बाड़मेर में रह रही हैं. उनके सामने चुनाव में खड़े होने के लिए जाति प्रमाण पत्र रोड़ा बन रहा है, क्योंकि यह प्रमाण पत्र उनके पैतृत्व निवास से ही बनवाया जा सकता है. जिसका असर आगामी पंचायत चुनावों में महिलाओं की भागीदारी में देखने को मिल सकता है.

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पाक विस्थापित महिलाओं को मूल ओबीसी प्रमाणपत्र दिलवाने की मांग
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Published : Jan 8, 2020, 8:42 PM IST

बाड़मेर. सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए कई महिलाओं के सामने अब पाकिस्तान जाने की नौबत आ गई है. सरहदी जिले बाड़मेर कि वे महिलाएं, जिनका पीहर है पाकिस्तान में है. नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र पितृत्व के आधार पर बनता है, जो कि मायके के गांव से ही जारी होता है. ऐसे में अब यह महिलाएं मन मसोस कर बैठी है कि न तो इतने कम समय में वह पाकिस्तान जा पाएगी और न ही चुनाव लड़ सकेगीं. जिसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है.

पाक विस्थापित महिलाओं को मूल ओबीसी प्रमाणपत्र दिलवाने की मांग

पाक विस्थापित के जिला अध्यक्ष नरपत सिंह धारा ने बताया कि बाड़मेर में हजारों परिवार है. जिलेभर के सौ से अधिक गांवों में यह परिवार बसे हैं. भारतीय नागरिकता इन परिवारों को मिल चुकी है. अब सरपंच के चुनाव में जहां जहां आरक्षण के हिसाब से सीट आई है. वहां इन परिवारों की महिलाएं भी दावेदारी में है, लेकिन जाति प्रमाण पत्र के नियम ने यह महिलाएं चुनाव लड़ने से वंचित रह रही है.

यह भी पढ़ें- जयपुर: ठंड के चलते 11 जनवरी तक बंद रहेंगे 1 से 8 तक के स्कूल, जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियां जो पाकिस्तान से आकर यहां शादियां कर चुकी हैं, जो मूल ओबीसी प्रमाण पत्र लाने के लिए पाकिस्तान जाने का समय नहीं होने के कारण हमारे यहां बहन बेटियां चुनाव से लड़ने से वंचित है. क्योंकि कम समय में वे पाकिस्तान जाकर अपना ओबीसी प्रमाण पत्र जारी नहीं करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है और इनको यहां मूल निवास कागजात के अनुसार पटवारी और तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित कर प्रमाण पत्र जारी करवाने का आदेश जारी करें, ताकि यह महिलाएं भी चुनाव लड़ सकें.

बाड़मेर. सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए कई महिलाओं के सामने अब पाकिस्तान जाने की नौबत आ गई है. सरहदी जिले बाड़मेर कि वे महिलाएं, जिनका पीहर है पाकिस्तान में है. नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र पितृत्व के आधार पर बनता है, जो कि मायके के गांव से ही जारी होता है. ऐसे में अब यह महिलाएं मन मसोस कर बैठी है कि न तो इतने कम समय में वह पाकिस्तान जा पाएगी और न ही चुनाव लड़ सकेगीं. जिसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है.

पाक विस्थापित महिलाओं को मूल ओबीसी प्रमाणपत्र दिलवाने की मांग

पाक विस्थापित के जिला अध्यक्ष नरपत सिंह धारा ने बताया कि बाड़मेर में हजारों परिवार है. जिलेभर के सौ से अधिक गांवों में यह परिवार बसे हैं. भारतीय नागरिकता इन परिवारों को मिल चुकी है. अब सरपंच के चुनाव में जहां जहां आरक्षण के हिसाब से सीट आई है. वहां इन परिवारों की महिलाएं भी दावेदारी में है, लेकिन जाति प्रमाण पत्र के नियम ने यह महिलाएं चुनाव लड़ने से वंचित रह रही है.

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उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियां जो पाकिस्तान से आकर यहां शादियां कर चुकी हैं, जो मूल ओबीसी प्रमाण पत्र लाने के लिए पाकिस्तान जाने का समय नहीं होने के कारण हमारे यहां बहन बेटियां चुनाव से लड़ने से वंचित है. क्योंकि कम समय में वे पाकिस्तान जाकर अपना ओबीसी प्रमाण पत्र जारी नहीं करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है और इनको यहां मूल निवास कागजात के अनुसार पटवारी और तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित कर प्रमाण पत्र जारी करवाने का आदेश जारी करें, ताकि यह महिलाएं भी चुनाव लड़ सकें.

Intro:बाड़मेर

जिला कलेक्टर को चुनाव आयोग के नाम ज्ञापन सौंपकर पाक विस्थापित महिलाओं को मूल ओबीसी प्रमाणपत्र दिलवाने की


सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए कई महिलाओं के सामने अब पाकिस्तान जाने की नौबत आ गई है सरहदी जिले बाड़मेर कि वे महिलाएं हैं जिनका पीहर है पाकिस्तान में है नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र पितृत्व के आधार पर बनता है जो कि मायके के गांव से ही जारी होता है ऐसे में अब यह महिलाएं मन मसोस कर बैठी है कि ना तो इतने कम समय में वह पाकिस्तान जा पाएगी और ना ही चुनाव लड़ सकेगी


Body:जिसको लेकर पाक विस्थापित बाड़मेर जिलाध्यक्ष नरपत सिंह धारा ने चुनाव आयोग के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपकर पाक विस्थापित महिलाओं की ओबीसी मूल प्रमाण पत्र जारी करवाने की मांग की पाक विस्थापित के जिला अध्यक्ष नरपत सिंह धारा ने बताया कि बाड़मेर में हजारों परिवार है जिलेभर के सौ से अधिक गांवों में यह परिवार बसे हैं भारतीय नागरिकता इन परिवारों को मिल चुकी है अब सरपंच के चुनाव में जहां जहां आरक्षण के हिसाब से सीट आई है वहां इन परिवारों की महिलाएं भी दावेदारी में है लेकिन जाति प्रमाण पत्र के नियम ने यह महिलाएं चुनाव लड़ने से वंचित रह रही है


Conclusion:उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियां जो पाकिस्तान से आकर यहां शादियां कर चुकी हैं जो मूल ओबीसी प्रमाण पत्र लाने के लिए पाकिस्तान जाने का समय नहीं होने के कारण हमारे यहां बहन बेटियां चुनाव से लड़ने से वंचित है क्योंकि कम समय में वे पाकिस्तान जाकर अपना ओबीसी प्रमाण पत्र जारी नहीं करवा सकते हैं उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है तथा इनको यहां मूल निवास कागजात के अनुसार पटवारी व तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित कर प्रमाण पत्र जारी करवाने का आदेश जारी करें ताकि यह महिलाएं भी चुनाव लड़ सकें

बाईट- नरपत सिंह धारा, जिलाध्यक्ष, पाक विस्थापित
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