बाड़मेर. सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए कई महिलाओं के सामने अब पाकिस्तान जाने की नौबत आ गई है. सरहदी जिले बाड़मेर कि वे महिलाएं, जिनका पीहर है पाकिस्तान में है. नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र पितृत्व के आधार पर बनता है, जो कि मायके के गांव से ही जारी होता है. ऐसे में अब यह महिलाएं मन मसोस कर बैठी है कि न तो इतने कम समय में वह पाकिस्तान जा पाएगी और न ही चुनाव लड़ सकेगीं. जिसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है.
पाक विस्थापित के जिला अध्यक्ष नरपत सिंह धारा ने बताया कि बाड़मेर में हजारों परिवार है. जिलेभर के सौ से अधिक गांवों में यह परिवार बसे हैं. भारतीय नागरिकता इन परिवारों को मिल चुकी है. अब सरपंच के चुनाव में जहां जहां आरक्षण के हिसाब से सीट आई है. वहां इन परिवारों की महिलाएं भी दावेदारी में है, लेकिन जाति प्रमाण पत्र के नियम ने यह महिलाएं चुनाव लड़ने से वंचित रह रही है.
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उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियां जो पाकिस्तान से आकर यहां शादियां कर चुकी हैं, जो मूल ओबीसी प्रमाण पत्र लाने के लिए पाकिस्तान जाने का समय नहीं होने के कारण हमारे यहां बहन बेटियां चुनाव से लड़ने से वंचित है. क्योंकि कम समय में वे पाकिस्तान जाकर अपना ओबीसी प्रमाण पत्र जारी नहीं करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है और इनको यहां मूल निवास कागजात के अनुसार पटवारी और तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित कर प्रमाण पत्र जारी करवाने का आदेश जारी करें, ताकि यह महिलाएं भी चुनाव लड़ सकें.