ETV Bharat / state

बाड़मेर: गौशाला संचालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

author img

By

Published : Sep 22, 2020, 1:53 AM IST

बाड़मेर के सिवाना उपखंड क्षेत्र के समदड़ी तहसील मुख्यालय पर सोमवार को गौशाला संचालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा.

Gaushala operators gave memorandum to Chief Minister regarding their various demands
गौशाला संचालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

सिवाना (बाड़मेर). गौशाला संचालकों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम समदड़ी तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की धारा 3(ख) के तहत स्टाम्प विक्रय पर 10% सरचार्ज एवं शराब बिक्री से प्राप्त वेट राशि के सरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ही उपयोग किया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा मुद्रांक अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद से यह राशि आपदा प्रबन्धन में भी व्यय की जा सकेगी.

पढ़ें: मोदी सरकार किसान नहीं, कॉरपोरेट हाउस को ताकतवर बनाना चाहती है : हरीश चौधरी

अधिनियम से गौशाला में कम ही अनुदान मिलेगा. जिसका विरोध करते हुए गौशाला संचालकों और गौ भक्तों ने संशोधन को वापस लेने की मांग की. ज्ञापन में बताया गया है कि अधिनियम से स्पष्ट है कि इस राशि को गौ संरक्षण और संवर्धन पर ही व्यय किए जाने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है.

ज्ञापन में बताया कि एक वित्तीय वर्ष में 180 दिनों की दी जा रही अनुदान राशि को 365 दिन किया जाए. साथ ही प्रदेश में संचालित पंजीकृत गौशालाएं जिनको संचालित होते हुए दो साल हो चुके हैं, उन्हें अनुदान दिया जाए और अनुदान राशि के भुगतान नियमों का सरलीकरण किया जाए.

सिवाना (बाड़मेर). गौशाला संचालकों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम समदड़ी तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की धारा 3(ख) के तहत स्टाम्प विक्रय पर 10% सरचार्ज एवं शराब बिक्री से प्राप्त वेट राशि के सरचार्ज को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ही उपयोग किया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा मुद्रांक अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद से यह राशि आपदा प्रबन्धन में भी व्यय की जा सकेगी.

पढ़ें: मोदी सरकार किसान नहीं, कॉरपोरेट हाउस को ताकतवर बनाना चाहती है : हरीश चौधरी

अधिनियम से गौशाला में कम ही अनुदान मिलेगा. जिसका विरोध करते हुए गौशाला संचालकों और गौ भक्तों ने संशोधन को वापस लेने की मांग की. ज्ञापन में बताया गया है कि अधिनियम से स्पष्ट है कि इस राशि को गौ संरक्षण और संवर्धन पर ही व्यय किए जाने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है.

ज्ञापन में बताया कि एक वित्तीय वर्ष में 180 दिनों की दी जा रही अनुदान राशि को 365 दिन किया जाए. साथ ही प्रदेश में संचालित पंजीकृत गौशालाएं जिनको संचालित होते हुए दो साल हो चुके हैं, उन्हें अनुदान दिया जाए और अनुदान राशि के भुगतान नियमों का सरलीकरण किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.