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बाड़मेर में जल्द बनेगी फूड लैब, जिला प्रशासन ने की जमीन चिन्हित

राजस्थान में गहलोत सरकार ने हाल ही में मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान छेड़ रखा है, लेकिन कुछ मिलावटखोरों को बचाते हैं, उनका सैंपल पकड़े जाने के बाद भी कई दिनों तक रिपोर्ट नहीं आती है. जिसको देखते हुए बाड़मेर में प्रशासन ने फूड लैब स्थापना के लिए जमीन को चिन्हित कर दिया है.

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Published : Feb 1, 2021, 10:47 PM IST

बाड़मेर में जल्द बनेगी फूड लैब, Food lab will soon be built in Barmer
बाड़मेर में जल्द बनेगी फूड लैब

बाड़मेर. वर्तमान में बाड़मेर में मिलावट खोरी को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती रहती है. स्वास्थ्य विभाग इन शिकायतों पर कार्रवाई भी कभी-कभी करता नजर आता है, लेकिन सबसे संवेदनशील बात यह होती है कि सैंपल लेने के कई दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं आती है, जिसके चलते मिलावटखोरों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. अब गहलोत सरकार के सख्त निर्देश के बाद बाड़मेर प्रशासन ने फूड लैब को बाड़मेर में ही स्थापित करने की पूरी कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है.

वर्तमान में मिलावटखोरों की फूड सैंपलिंग के बाद जोधपुर भेजा जाता है, जहां पर 14 दिन बाद उसकी रिपोर्ट आती है. जिले में घी से लेकर अन्य कई खाद्य पदार्थ जबरदस्त तरीके से मिलावट खोरी से बेचे जाते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ होता रहता है.

पढ़ें- दर्दनाक: लकवाग्रस्त होने के कारण उठ नहीं पाई महिला, छप्पर में लगी आग में जिंदा जली

कहने को तो स्वास्थ्य विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ इक्की दुक्की कार्रवाई करता है. जिसकी भी सैंपलिंग के बाद कई दिनों तक वह कार्रवाई यूं ही पड़ी रहती है, लेकिन अब बाड़मेर प्रशासन ने मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई करने के लिए फूड लैब को बाड़मेर को में ही स्थापित करने की तैयारी कर दी है. जिसका परिणाम यह होगा कि सैंपल लेने की 24 से 48 घंटे बाद ही उसकी रिपोर्ट सामने आ जाएगी और मिलावटखोरों के खिलाफ पूरी तरीके से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बाड़मेर. वर्तमान में बाड़मेर में मिलावट खोरी को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती रहती है. स्वास्थ्य विभाग इन शिकायतों पर कार्रवाई भी कभी-कभी करता नजर आता है, लेकिन सबसे संवेदनशील बात यह होती है कि सैंपल लेने के कई दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं आती है, जिसके चलते मिलावटखोरों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. अब गहलोत सरकार के सख्त निर्देश के बाद बाड़मेर प्रशासन ने फूड लैब को बाड़मेर में ही स्थापित करने की पूरी कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है.

वर्तमान में मिलावटखोरों की फूड सैंपलिंग के बाद जोधपुर भेजा जाता है, जहां पर 14 दिन बाद उसकी रिपोर्ट आती है. जिले में घी से लेकर अन्य कई खाद्य पदार्थ जबरदस्त तरीके से मिलावट खोरी से बेचे जाते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ होता रहता है.

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कहने को तो स्वास्थ्य विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ इक्की दुक्की कार्रवाई करता है. जिसकी भी सैंपलिंग के बाद कई दिनों तक वह कार्रवाई यूं ही पड़ी रहती है, लेकिन अब बाड़मेर प्रशासन ने मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई करने के लिए फूड लैब को बाड़मेर को में ही स्थापित करने की तैयारी कर दी है. जिसका परिणाम यह होगा कि सैंपल लेने की 24 से 48 घंटे बाद ही उसकी रिपोर्ट सामने आ जाएगी और मिलावटखोरों के खिलाफ पूरी तरीके से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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