बाड़मेर. रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में मानसून में हो रही देरी की वजह से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. सावन माह के 15 दिन बीत जाने मानसून ने दस्तक नहीं दी है, जिसकी वजह से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. सावन से पहले हुई बारिश की वजह से किसानों ने खेतों में बुवाई कर उम्मीदों के साथ अनाज डाल दिया. लेकिन अब बारिश नहीं होने की वजह से किसानों के चेहरे मायूस होते जा रहे हैं. क्योंकि अगर बारिश नहीं हुई तो उनकी छोटी-छोटी फसलें जल कर नष्ट हो जाएंगी.
ऐसे में किसान अब राहत के लिए बरसात की कामना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक महीने पहले हुई बारिश के बाद खेतों में बुवाई कर दी थी, लेकिन उसके बाद कोई बारिश नहीं हुई. जिसकी वजह से अब छोटी-छोटी फसलें जलने की पूरी आशंका बनी हुई. ऐसे में उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों के अनुसार सावन महीना भरपूर बारिश होती है, लेकिन इस बार आधा सावन बीत जाने के बाद भी बारिश की एक बूंद नहीं गिरी है. जिसकी वजह से उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं.
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ऐसे में अब किसान जल्द बारिश होने की कामना कर रहे हैं. किसानों के अनुसार टिड्डियों के आने का दौर भी निरंतर जारी है. वह भी फसलों को नष्ट कर रही है और अब रही सही कसर बारिश नहीं होने की वजह से पूरी होती दिख रही है. किसानों के अनुसार अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो उन्हें कुछ हाथ नहीं लगेगा और सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. गौरतलब है कि टिड्डियों के प्रकोप के बीच किसानों ने एक माह पहले हुई बारिश के बाद खेतों में बाजरा, मूंग, मोठ आदि की बुवाई कर दी, लेकिन अभी तक मानसून ने दस्तक नहीं दी है.