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भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए किसानों ने की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग, सौंपा ज्ञापन - Farmers are demanding compensation

देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट भारतमाला के लिए आवप्त की गई जमीन को किसानों को वाजिब मुआवजा की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिले भर के दर्जनों ग्रामीण कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. किसानों की मांग है कि डीएलसी रेट से 4 गुना राशि दिलाई जाए.

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Published : Sep 21, 2019, 1:45 PM IST

बाड़मेर. भारतमाला प्रोजेक्ट जिले के कई गांवों से होते हुए गुजर रही है. जिसमें हजारों किसानों के खेतों की कृषि भूमि आवप्त करने का निर्णय सरकार ने लिया है. जिन किसानों की भूमि आवप्त हो रही है. उनमें बहुत सारे ऐसे परिवार हैं. जिनका खेत दो टुकड़ों में बट रहा है. जिसके कारण बची हुई जमीन किसी भी सूरत में काश्त करने योग्य नहीं रहेगी. साथ ही उस किसान की रोजी-रोटी हमेशा के लिए खत्म होने की स्थिति आ जाएगी.

इस बात की चिंता किसानों को खाए जा रही है. जिसके चलते किसानों ने देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट भारतमाला के लिए जो जमीनें आवप्त की गई है. उस जमीन को किसानों को वाजिब मुआवजा उचित नहीं मिलने के कारण जिले के बालोतरा पचपदरा सिवाना और सिणधरी तहसील के आसपास के दर्जनों किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचें साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा.

आवप्त जमीन के लिए किसान कर रहे अधिक मुआवजे की मांग

पढे़ं- बाड़मेर में 'कांगो फीवर' से 1 किशोर की मौत

किसानों ने ज्ञापन में कहा कि डीएलसी रेट कम होने के कारण उन्हें वाजिब मुआवजा नहीं मिल रहा है. बाजार में रेट डीएलसी के 4 गुना ज्यादा है. किसानों ने मांग है कि डीएलसी रेट से 4 गुना राशि दिलाई जाए. किसानों का कहना है सभी मांगों पर किसानों के साथ बैठकर अंतिम निर्णय होने तक पूर्व में जारी अवार्ड के अनुसार भुगतान पर रोक लगाई जाए. साथ ही किसानों ने धमकी भी दी कि अगर जबरन कोई कार्रवाई की गई. तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

बाड़मेर. भारतमाला प्रोजेक्ट जिले के कई गांवों से होते हुए गुजर रही है. जिसमें हजारों किसानों के खेतों की कृषि भूमि आवप्त करने का निर्णय सरकार ने लिया है. जिन किसानों की भूमि आवप्त हो रही है. उनमें बहुत सारे ऐसे परिवार हैं. जिनका खेत दो टुकड़ों में बट रहा है. जिसके कारण बची हुई जमीन किसी भी सूरत में काश्त करने योग्य नहीं रहेगी. साथ ही उस किसान की रोजी-रोटी हमेशा के लिए खत्म होने की स्थिति आ जाएगी.

इस बात की चिंता किसानों को खाए जा रही है. जिसके चलते किसानों ने देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट भारतमाला के लिए जो जमीनें आवप्त की गई है. उस जमीन को किसानों को वाजिब मुआवजा उचित नहीं मिलने के कारण जिले के बालोतरा पचपदरा सिवाना और सिणधरी तहसील के आसपास के दर्जनों किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचें साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा.

आवप्त जमीन के लिए किसान कर रहे अधिक मुआवजे की मांग

पढे़ं- बाड़मेर में 'कांगो फीवर' से 1 किशोर की मौत

किसानों ने ज्ञापन में कहा कि डीएलसी रेट कम होने के कारण उन्हें वाजिब मुआवजा नहीं मिल रहा है. बाजार में रेट डीएलसी के 4 गुना ज्यादा है. किसानों ने मांग है कि डीएलसी रेट से 4 गुना राशि दिलाई जाए. किसानों का कहना है सभी मांगों पर किसानों के साथ बैठकर अंतिम निर्णय होने तक पूर्व में जारी अवार्ड के अनुसार भुगतान पर रोक लगाई जाए. साथ ही किसानों ने धमकी भी दी कि अगर जबरन कोई कार्रवाई की गई. तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

Intro:बाड़मेर

भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए आवप्त जमीन मुआवजे राशि बढाने की माँग को लेकर किसानों ने सौंपा जिला कलेक्टर को ज्ञापन

देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट भारतमाला के लिए आवप्त की गई जमीन को किसानों को वाजिब मुआवजा की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, जिले भर के दर्जनों ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट कार्यालय, किसानों की मांग डीएलसी रेट से 4 गुना राशि दिलाई जाए






Body:भारतमाला प्रोजेक्ट बाड़मेर जिले के कई गांवों से होते हुए गुजर रही है जिसमें हजारों किसानों के खेतों की कृषि भूमि आवप्त करने का निर्णय सरकार ने लिया है जिन किसानों की भूमि आवप्त हो रही है उनमें बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जिनका खेत दो टुकड़ों में बट रहा है जिसके कारण बची हुई जमीन किसी भी सूरत में काश्त करने योग्य नहीं रहेगी साथ ही उस किसान की रोजी-रोटी हमेशा के लिए खत्म होने की स्थिति आ जाएगी जिसकी चिंता किसानों को खाए जा रही है जिसके चलते किसानों ने देश के सबसे बडे प्रोजेक्ट भारतमाला के लिए आवप्त की गई जमीन को किसानों को वाजिब मुआवजा उचित नहीं मिलने के कारण बाड़मेर जिले के बालोतरा पचपदरा सिवाना और सिणधरी तहसील के आसपास के दर्जनों किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा को ज्ञापन सौपकर डीएलसी रेट कम होने के कारण वह हमें वाजिब मुआवजा नहीं मिल रहा है बाजार में रेट डीएलसी के 4 गुना ज्यादा है किसानों ने मांग की कि डीएलसी रेट से 4 गुना राशि दिलाई जाए


Conclusion:भारतमाला एन एच 754k किसान संघर्ष समिति बालोतरा ने डीएलसी रेट से 4 गुना मुआवजा राशि और भूमि अवाप्ति से प्रभावित गांवों के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार देने सहित 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, किसानों का कहना है सभी मांगों पर किसानों के साथ बैठकर अंतिम निर्णय होने तक पूर्व में जारी अवार्ड के अनुसार भुगतान पर रोक लगाई जाए वह रोड निर्माण शुरू नहीं किया जाए किसानों का कहना है कि अगर जबरन कोई कार्रवाई की गई तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी


बाईट -मुलाराम सियाग , भूमि अवाप्ति से प्रभावित किसान

बाईट -तनसिंह , भूमि अवाप्ति से प्रभावित किसान
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