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ETV Bharat के प्रयासों से गरीब को मिला उसके हक का राशन, डीलर द्वारा राशन नहीं देने से था हताश

बाड़मेर में सरकारी राशन की दुकान पर राशन लेने गए एक गरीब व्यक्ति को जब राशन नहीं मिला तो वो रोते हुए चौराहे पर बैठ गया. जिसके बाद ईटीवी भारत ने जिला रसद अधिकारी को पूरे मामले से अवगत करवाया. जिसके बाद उन्होंने राशन डीलर को फटकार लगाई और उसे राशन दिलवाया.

ration distribution in Barmer, लॉकडाउन में ईटीवी भारत की मदद
ईटीवी भारत ने गरीब उपभोक्ता को दिलाया राशन
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Published : Apr 2, 2020, 7:56 PM IST

बाड़मेर. शहर के विवेकानंद सर्किल के पास गुरुवार को एक व्यक्ति जो अपने साथ राशन कार्ड, आधार कार्ड सहित विभिन्न दस्तावेज लेकर आंखों में आंसू भरे रो रहा था. जब ईटीवी भारत टीम ने रोने की वजह जानी तो सामने आया कि उसे राशन डीलर उसे इस महीने गेहूं देने से इंकार कर रहा है. जिससे निराश होकर वह गरीब व्यक्ति चौराहे पर आकर रोने बैठ गया.

ration distribution in Barmer, लॉकडाउन में ईटीवी भारत की मदद
चौराहे पर बैठा रोता गरीब उपभोक्ता

ईटीवी भारत की टीम ने नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए तुरंत इस पूरे मामले को लेकर जिला रसद अधिकारी को अवगत करवाया. रसद अधिकारी ने राशन विक्रेता को फटकार लगाई और गरीब व्यक्ति को राशन पर गेहूं देने की बात कही. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने उस रोते हुए व्यक्ति के साथ राशन की दुकान पर पहुंचकर उसे राशन दिलाया.

ration distribution in Barmer, लॉकडाउन में ईटीवी भारत की मदद
उपभोक्ता के दस्तावेज

ईटीवी भारत को पीड़ित उपभोक्ता मुकेश दर्जी ने बताया कि शहर के वार्ड नंबर 31 का रहवासी है. आर्थिक स्थिति से बेहद कमजोर है. लिहाजा शहर के बेरियों का वास स्थित राशन डीलर रोचामल उसे हर महीने राशन पर मिलने वाली सामग्री दे देता है, लेकिन इस बार उसने देने से मना कर दिया. बोल रहा है कि तुम्हारा राशन मेरे इलाके में नहीं है. दूसरे के पास जाओ, जब कि हर महीने मुझे वही राशन सामग्री देता है.

पढ़ें- लॉकडाउन: जयपुर पुलिस कमिश्ननर की अनुमति के बाद ऑनलाइन कंपनियों ने शुरू की होम डिलीवरी

पीड़ित ने बताया कि कोई कमाने वाला नहीं है. वह अकेला ही है. लॉकडाउन के चलते खाने-पीने की भी बहुत मुश्किल है और ऐसे में अब राशन डीलर ने भी राशन देने से मना कर दिया. वहीं इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने राशन डीलर रोचामाल से बात की तो उसने बताया कि हर बार मैं राशन सामग्री दे देता हूं. इस बात के दो हिस्से हो गए और इस बार राशन सामग्री फ्री में देनी है तो सबसे पहले वार्ड के लोगों को देना प्राथमिकता है. अब जिला रसद अधिकारी ने लेने को कहा है तो मैं अब राशन सामग्री दे रहा हूं. राशन सामग्री में उससे 10 किलो गेहूं फ़्री मिले. जिसके बाद गरीब मुकेश खुशी-खुशी गेंहू लेकर अपने घर लौट गया.

बाड़मेर. शहर के विवेकानंद सर्किल के पास गुरुवार को एक व्यक्ति जो अपने साथ राशन कार्ड, आधार कार्ड सहित विभिन्न दस्तावेज लेकर आंखों में आंसू भरे रो रहा था. जब ईटीवी भारत टीम ने रोने की वजह जानी तो सामने आया कि उसे राशन डीलर उसे इस महीने गेहूं देने से इंकार कर रहा है. जिससे निराश होकर वह गरीब व्यक्ति चौराहे पर आकर रोने बैठ गया.

ration distribution in Barmer, लॉकडाउन में ईटीवी भारत की मदद
चौराहे पर बैठा रोता गरीब उपभोक्ता

ईटीवी भारत की टीम ने नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए तुरंत इस पूरे मामले को लेकर जिला रसद अधिकारी को अवगत करवाया. रसद अधिकारी ने राशन विक्रेता को फटकार लगाई और गरीब व्यक्ति को राशन पर गेहूं देने की बात कही. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने उस रोते हुए व्यक्ति के साथ राशन की दुकान पर पहुंचकर उसे राशन दिलाया.

ration distribution in Barmer, लॉकडाउन में ईटीवी भारत की मदद
उपभोक्ता के दस्तावेज

ईटीवी भारत को पीड़ित उपभोक्ता मुकेश दर्जी ने बताया कि शहर के वार्ड नंबर 31 का रहवासी है. आर्थिक स्थिति से बेहद कमजोर है. लिहाजा शहर के बेरियों का वास स्थित राशन डीलर रोचामल उसे हर महीने राशन पर मिलने वाली सामग्री दे देता है, लेकिन इस बार उसने देने से मना कर दिया. बोल रहा है कि तुम्हारा राशन मेरे इलाके में नहीं है. दूसरे के पास जाओ, जब कि हर महीने मुझे वही राशन सामग्री देता है.

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पीड़ित ने बताया कि कोई कमाने वाला नहीं है. वह अकेला ही है. लॉकडाउन के चलते खाने-पीने की भी बहुत मुश्किल है और ऐसे में अब राशन डीलर ने भी राशन देने से मना कर दिया. वहीं इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने राशन डीलर रोचामाल से बात की तो उसने बताया कि हर बार मैं राशन सामग्री दे देता हूं. इस बात के दो हिस्से हो गए और इस बार राशन सामग्री फ्री में देनी है तो सबसे पहले वार्ड के लोगों को देना प्राथमिकता है. अब जिला रसद अधिकारी ने लेने को कहा है तो मैं अब राशन सामग्री दे रहा हूं. राशन सामग्री में उससे 10 किलो गेहूं फ़्री मिले. जिसके बाद गरीब मुकेश खुशी-खुशी गेंहू लेकर अपने घर लौट गया.

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