बाड़मेर. शहर में शुक्रवार को जोधपुर के संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल की साफ-सफाई सहित विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर संभागीय आयुक्त खासे नाराज नजर आए.
वहीं उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत कर यह जानने का प्रयास भी किया कि अस्पताल में उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिल रही है. इस दौरान मरीजों ने उनसे बातचीत करते हुए बताया कि डॉक्टर बाहर की दवाइयां और जांचे करवा रहे हैं. जिस पर संभागीय आयुक्त ने चिकित्सा अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई.
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इस दौरान संभागीय आयुक्त के सामने एक ऐसा भी मामला आया, जिसमें पांव फैक्चर मरीज बाबू राम के परिजनों से एक निजी अस्पताल में 10 हजार की फीस जमा करवाई. बाद में उसका ऑपरेशन सरकारी अस्पताल में किया गया. जब यह मामला संभागीय आयुक्त समित शर्मा के सामने आया तो उन्होंने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और तुरंत ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर के आसेरी को जांच करने के आदेश दिए. वहीं आयुक्त ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं में जल्द सुधार लाने के निर्देश दिए.
जोधपुर के संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने बताया कि 3 दिन पहले ही जिला कलेक्टर ने पीएमओ और सीएमओ के साथ वीसी के जरिए मीटिंग ली थी. इस दौरान बाड़मेर दौरे को लेकर भी जिले के अधिकारियों को जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद भी जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहद दयनीय है.
वहीं एक ऐसा भी मामला सामने आया जहां पर एक मरीज के परिजनों से निजी अस्पताल में 10 हजार जमा करवाए गए और उसके बाद जिला अस्पताल में ऑपरेशन किया गया. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को सौंपी गई है, जो शुक्रवार शाम तक देंगे.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाड़मेर जिले की कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी निरीक्षण किया गया. इस दौरान कई कार्मिक अनुपस्थित मिले और अधिकारियों की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते शुक्रवार को जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया और सीएमएचओ बाबूलाल बिश्नोई को चार्जशीट जारी की गई है और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
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निजी अस्पताल में 10 हजार रुपए जमा करवाने वाली मरीज के भाई केसाराम से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि राजकीय अस्पताल में डॉक्टर के कहने पर एक निजी अस्पताल में 10 हजार जमा करवाए. जिसके बाद उसके भाई बाबूराम का राजकीय अस्पताल में ऑपरेशन हुआ. जिसकी शिकायत उसने संभागीय आयुक्त समित शर्मा से की थी.