बाड़मेर. जिले में शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में एक अनूठा नजारा देखने को मिला. 9 सालों से पारिवारिक कारणों की वजह से अलग रह रहे और साल भर पहले तलाक ले चुके दंपती ने फिर से एक-दूसरे का हाथ थामा. लोक अदालत के दौरान मजिस्ट्रेट, वकीलों और परिजनों के सामने दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई. इसके बाद दंपती अपने 9 साल के बेटे के साथ घर के लिए रवाना हो गया.
शादी के साल भर बाद से ही अलग रह रहे : जिले के चौहटन के रहने वाले जसराज दईया (30) की शादी हऊवा (27) से 2013 में आटे-साटे में हुई थी. शादी के एक साल बाद ही जसराज की बहन ने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली. उसकी बहन की मृत्यु के बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया, जिसके चलते 2014 में ही जसराज और हऊवा दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. हऊवा अपने पीहर चली गई और इसी साल उसने एक बेटे मुलाराम को जन्म दिया.
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इसके बाद जसराज पर दहेज का मुकदमा दर्ज करवाया गया और जसराज भरण-पोषण का मुआवजा भी देने लगा. जसराज ने बताया कि इसके बाद तलाक के लिए केस दर्ज कराया जो वर्ष 2022 में पास हो गया. जसराज ने बताया कि अपने 9 साल के बेटे के लिए गिले-शिकवे भूलकर और समझाइश के बाद तलाक की डिक्री को खारिज करवा कर नई जिंदगी की शुरुआत हुई है, इस बात की हमें बेहद खुशी है. दोनों ने कोर्ट परिसर में एक दूसरे को माला पहनाकर अपने बेटे मुलाराम (9) के साथ नई जिंदगी की शुरुआत की.
परिवार को बसाए और जोड़े रखना ही अच्छा : न्यायधीश ने कहा कि लोक अदालत में एक जोड़ा राजीनामे के बाद अपने घर गया है. उनके परिवार, अधिवक्ता गण, न्यायालय सभी के प्रयासों से एक घर वापस बसा है. इस घर के टूटने से जो कई प्रकरण बने थे वो समाप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि समाज के लिए बहुत खुशी की बात है, बाकी लोग भी इनसे प्रेरणा लें और ऐसे ही अपने घर बसाएं.