बाड़मेर. गांवों में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शुरू किए गए डोर-टू-डोर सर्वे के सार्थक परिणाम सामने आए हैं. डोर-टू-डोर सर्वे के दो चरणों में 5.30 लाख परिवारों का सर्वे हुआ. 54 हजार मेडिकल किट वितरित की गई. अब गांवों की हालत कुछ सुधरने लगी है. इसके साथ ही डोर-टू-डोर सर्वे के तीसरे चरण की शुरुआत भी हो गई है. बाड़मेर के करीब 2000 से अधिक गांव कोरोना की चपेट में आ गए थे. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही थी.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू के निर्देशन में जिले की 21 पंचायत समितियों में डोर-टू-डोर सर्वे की शुरुआत की गई. सर्वे के दौरान मेडिकल किट बांटी गई. जिसका सार्थक परिणाम ये निकला की गांवों से कोरोना मरीजों की संख्या कम हो गई. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि 30 अप्रैल के बाद जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हो गई थी. ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मरीज बढ़ रहे थे. जिसके बाद डोर-टू-डोर सर्वे का काम शुरू किया गया था.
मोहन दान ने बताया कि सर्वे के दौरान जिन मरीजों में आईएलआई लक्षण नजर आए उन्हें मेडिकल किट मुहैया करवाई गई और गांव में ही उनका उपचार शुरू किया गया. पहले चरण में 5.30 लाख परिवारों का सर्वे किया गया. जिसमें 24 हजार आईएलआई मरीज सामने आए. जिन्हें मेडिकल किट उपलब्ध करवाई गई. 6 मई को दूसरे चरण में फिर से उन्हीं परिवारों का सर्वे करवाया गया. इस दौरान आईएलआई मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों में भी कोई लक्षण दिखने पर उन्हें भी मेडिकल किट मुहैया करवाई गई और 19 मई को डोर-टू-डोर सर्वे का दूसरा चरण भी कंप्लीट हो गया.
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 30 हजार आईएलआई मरीज सामने आए जिन्हें मेडिकल किट उपलब्ध करवाई गई. डोर-टू-डोर सर्वे और मेडिकल किट वितरण के बाद जिला स्तर पर भी कोरोना मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिली है. बाड़मेर और बालोतरा के अस्पतालों में 25 फीसदी बेड की उपलब्धता है. इससे गंभीर मरीजों को आसानी से बेड मिल सकेगा. लगातार आईएलआई मरीजों की मॉनिटरिंग की जा रही थी. इसके अलावा सीएससी स्तर पर कोरोना का उपचार शुरू किया गया. जिसके चलते भी जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई. अब जिले में तीसरे चरण के लिए डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया जायेगा.