बाड़मेर. प्रधानमंत्री आवास और प्रशासनिक मद में गबन का बड़ा मामला सामने (Computer Operators cheated 47 lakhs in Barmer) आया है. बाड़मेर जिला परिषद और सेड़वा पंचायत समिति में ठेके पर लगे दो कंप्यूटर ऑपरेटरों ने लाखों रुपए का गबन कर लिया. यह सिलसिला पिछले साल भर से चल रहा है और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. दोनों आरोपी करीब 47 लाख रुपए डकार गए. मामला सामने आने के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने बाड़मेर कोतवाली थाने में दोनों कार्मिकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई के अनुसार जिला परिषद में गणेश और सेड़वा पंचायत समिति में भगतसिंह ठेके पर कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर कार्यरत है. दोनों ने मिलीभगत करके अक्टूबर 2021 से सेड़वा की पीएम आवास सहित सरकारी फंड में लिमिट बढ़ाकर गणेश ने भगतसिंह के खाते में 15 - 20 लाख रुपए ट्रांसफर किए. वहां से गणेश के खाते में 5 लाख रुपए वापस ट्रांसफर हुए. इसके बाद गणेश ने जिला परिषद से अलग-अलग ट्रांजैक्शन करके करीब 27 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास और प्रशासनिक मद में हेराफेरी का मामला सामने आने पर दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है.
कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम खावा ने बताया कि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी (Fraud in PM Awas Fund in Barmer) अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने 30 नवंबर को मामला दर्ज करवाया था कि जिला परिषद में ठेके पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर गणेश जो की ऑनलाइन सैलरी ट्रांसफर पीएम आवास सहित प्रशासनिक मद में रुपए ट्रांसफर करने का काम करता था. बीते 2 महीनों में करीब 27 लाख रुपए की हेराफेरी किया गया. इस पर मामला दर्ज कर जांच की गई. आरोपी गणेश को गिरफ्तार किया गया है. वहीं भरतसिंह को सेड़वा पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पुलिस के अनुसार आरोपी गणेश ने पहली बार 95 हजार और आखिरी में 6.50 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर किए. सेड़वा पंचायत समिति में भगतसिंह इसका साथी है जिसे ये राशि उपलब्ध करवाता था. भगतसिंह इसके खाते में पैसे ट्रांसफर करता था. इस तरह से आरोपी ने सरकारी पैसे का गबन किया. पुलिस के अनुसार आरोपी ऑनलाइन गेम में सारे पैसे हार गए थे. पुलिस ने आरोपी के घरवालों से भी बात की, लेकिन आरोपी ने घर पर भी एक पैसा नहीं दिया. पुलिस के अनुसार अब तक कोई रिकवरी नहीं हुई है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.