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बाड़मेर: निर्माण क्षेत्र के मजदूरों ने विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर को दिया ज्ञापन

राजस्थान निर्माण मजदूर यूनियन सीटू के बैनर तले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर श्रम आयुक्त के नाम बाड़मेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में मजदूर लागू की गई योजनाओं और उनके पारित किए गए अधिनियम के माध्यम से सहायता पहुंचाने की मांग की है. साथ ही अपनी 13 सूत्रीय मांगे रखी है.

बाड़मेर न्यूज, बाड़मेर कलेक्टर को ज्ञापन, Memorandum to Barmer Collector
निर्माण मजदूरों ने दिया ज्ञापन
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Published : Sep 18, 2020, 8:53 PM IST

बाड़मेर. कोविड 19 में देश में सबसे बुरा हाल मजदूरों का हुआ है.आलम यह है कि मजदूर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. वहीं अब मजदूर सरकार से यह गुहार लगा रहे हैं कि, जो मजदूरों के लिए अधिनियम पारित किए गए थे उनका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान निर्माण मजदूर यूनियन की शाखा बाड़मेर की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. निर्माण मजदूर यूनियन की ओर से राजस्थान सरकार की श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया गया.

निर्माण मजदूरों ने दिया ज्ञापन

ज्ञापन में यह बताया गया है कि, इस समय देश में सबसे बुरा हाल मजदूरों का है. सरकार ने मजदूरों की सहायता करने के लिए कई योजनाएं बनाई है. जिसमें कई खामियां हैं. उन योजनाओं की खामियों को सही किया जाए ताकि मजदूरों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.

बाड़मेर शाखा के अध्यक्ष मगाराम प्रजापत ने जिला कलेक्टर से मुलाकात करते हुए 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा. जिसमें मजदूरों के लिए भविष्य निधि, ईएसआई जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए, निर्माण श्रमिक के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति की सहायता राशि प्रथम कक्षा से शुरू की जाए, निर्माण श्रमिकों के लिए छाया पानी शौचालय की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए, निर्माण श्रमिक 60 वर्ष की आयु के बाद कम से कम 3 हजार रुपए प्रति माह पेंशन का भुगतान किया जाए. निर्माण मजदूरों की ओर से इस तरह 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है.

ये पढ़ें: बाड़मेरः शिक्षक के नाक-कान काटने का मामला, पुलिस ने किए चौंकाने वाले खुलासे

निर्माण मजदूरों का कहना है कि, लॉकडाउन के बाद पूरी तरीके से हालत खराब हो गई है. रोजगार नहीं मिल रहा है. रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे में अगर सरकार की योजनाओं का कुछ फायदा मिल जाए तो हमारी रोजी-रोटी चल जाएगी अन्यथा हमारे लिए जीना बड़ा मुश्किल हो गया है. सरकार से मांग की है कि, तुरंत मांग पत्र पर अमल करें, ताकि इस आपातकालीन जैसी स्थिति में निर्माणाधीन मजदूरों को कुछ फायदा मिल सके.

बाड़मेर. कोविड 19 में देश में सबसे बुरा हाल मजदूरों का हुआ है.आलम यह है कि मजदूर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. वहीं अब मजदूर सरकार से यह गुहार लगा रहे हैं कि, जो मजदूरों के लिए अधिनियम पारित किए गए थे उनका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान निर्माण मजदूर यूनियन की शाखा बाड़मेर की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. निर्माण मजदूर यूनियन की ओर से राजस्थान सरकार की श्रम आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया गया.

निर्माण मजदूरों ने दिया ज्ञापन

ज्ञापन में यह बताया गया है कि, इस समय देश में सबसे बुरा हाल मजदूरों का है. सरकार ने मजदूरों की सहायता करने के लिए कई योजनाएं बनाई है. जिसमें कई खामियां हैं. उन योजनाओं की खामियों को सही किया जाए ताकि मजदूरों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.

बाड़मेर शाखा के अध्यक्ष मगाराम प्रजापत ने जिला कलेक्टर से मुलाकात करते हुए 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा. जिसमें मजदूरों के लिए भविष्य निधि, ईएसआई जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए, निर्माण श्रमिक के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति की सहायता राशि प्रथम कक्षा से शुरू की जाए, निर्माण श्रमिकों के लिए छाया पानी शौचालय की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए, निर्माण श्रमिक 60 वर्ष की आयु के बाद कम से कम 3 हजार रुपए प्रति माह पेंशन का भुगतान किया जाए. निर्माण मजदूरों की ओर से इस तरह 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है.

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निर्माण मजदूरों का कहना है कि, लॉकडाउन के बाद पूरी तरीके से हालत खराब हो गई है. रोजगार नहीं मिल रहा है. रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे में अगर सरकार की योजनाओं का कुछ फायदा मिल जाए तो हमारी रोजी-रोटी चल जाएगी अन्यथा हमारे लिए जीना बड़ा मुश्किल हो गया है. सरकार से मांग की है कि, तुरंत मांग पत्र पर अमल करें, ताकि इस आपातकालीन जैसी स्थिति में निर्माणाधीन मजदूरों को कुछ फायदा मिल सके.

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