बाड़मेर. विधायक हरीश चौधरी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गलत पेयजल योजना बनाकर रेगिस्तान और राजस्थान के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिन दो मुख्य मुद्दों को लेकर गजेंद्र सिंह शेखाव से बाड़मेर दौरे के दौरान सवाल किए थे, उसे लेकर बुधवार को दिल्ली में मीडिया के सामने बोलते समय गजेंद्र सिंह शेखावत ने बात नहीं की और उन्हीं के मंत्रालय के अधीन आने वाली पेयजल योजना में व्यय राशि का 5 प्रतिशत भार आखिर प्रदेश की जनता पर क्यों सौंप रहे हैं.
अपने क्षेत्र से अन्याय कर रहे हैं शेखावत : पानी की योजना को लेकर हरीश चौधरी ने शेखावत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे अपने ही क्षेत्र के साथ अन्याय कर रहे हैं. विधायक चौधरी ने बताया कि जिस पेयजल योजना में अब तक केंद्र-राज्य की भागीदारी 90-10 प्रतिशत थी. शेखावत के मंत्री बनने के बाद यह 90 से 50 प्रतिशत आखिर क्यों हो गई ? चौधरी बोले कि रेगिस्तान और पहाड़ी इलाके में 90 प्रतिशत केंद्र सरकार पेयजल योजनाओं पर खर्च करती थी और 10 प्रतिशत राज्य सरकारें खर्च करती थी.
उन्होंने कहा कि आज भी उन पहाड़ी इलाकों में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत बजट खर्च कर रही है, लेकिन इस रेगिस्तानी इलाके के लिए पिछली बार जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी और नियमों को बदलकर 90 प्रतिशत की जगह 45- 45 की भागीदारी केंद्र और राज्य की गई. जबकि बाकी के 10 फीसदी पैसे आम उपभोक्ता से लेने के नियम बनाए गए. चौधरी ने बताया कि हिंदुस्तान में किसी भी योजना में सबसे ज्यादा पैसा खर्च रेगिस्तानी इलाके में होता है, क्योंकि यहां लोग दूर दराज ढाणियों में बसते हैं.
पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना के इस बदलाव को लेकर उन्होंने लगातार केंद्र सरकार को चिट्ठियां भेजी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से भी बात की. लेकिन कोई किसी तरह की राहत नहीं मिली. हालांकि, चौधरी ने दावा किया कि प्रदेश में सरकार ने कनेक्शन धारक से ली जाने वाली 5 फीसदी रांची में भी राहत देने का फैसला लिया है.