बाड़मेर. लोकसभा चुनाव के बाद गहलोत सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने बाड़मेर नगर परिषद के संबंध में एक अधिसूचना को रद्द कर दिया है. जिसका भाजपा नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस सरकार ने अधिसूचना जारी कर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय नगर परिषद के सीमा क्षेत्र में नई ग्राम पंचयातों को सम्मिलित करने के आदेश को रद्द कर दिया. सरकार ने कहा कि नागरिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्व के निर्णय को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है. इस मामले में ग्राम पंचायतों ने भी कई बार ऐतराज जताया था.
भाजपा नेताओं ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस के फैसले से क्षेत्र की जनता के साथ कुठाराघात हुआ है. ऐसे में नए फैसले को निरस्त कर पुराने आदेश को पुन: लागू किया जाए, अन्यथा आंदोलन किया जाएगा. इस कड़ी में सोमवार को बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने चुनावी फायदे के लिए आनन-फानन में आधा अधूरा निर्णय किया था. उस समय शहर के पास स्थित बिदासर को शामिल नहीं किया था. मेवाराम जैन ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत को नगर परिषद में जोड़ने की कानूनी प्रक्रिया होती है. एक जगह से नाम कटता है और दूसरी जगह नाम जुड़ता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.
मैवाराम जैन ने बताया कि बाड़मेर जिला कलेक्टर से आदेश की जमीनी हकीकत खंगालने का निवेदन किया था. मैंने आदेश निरस्त करने की मांग नहीं की थी. सरकार ने इसे निरस्त किया है. अब जिला कलेक्टर के साथ ही स्वायत्त शासन विभाग को भी कहा गया है कि शहर के आसपास की आबादी क्षेत्र की कॉलोनियों को जल्द ही नगर परिषद के क्षेत्र में जोड़ा जाए. इसके लिए आने वाले दिनों में मीटिंग भी है. यूआईटी के मार्फत 25 किलोमीटर एरिया में सड़क, बिजली और पानी की सुविधा के लिए भी जल्द ही टेंडर जारी होंगे. मैवाराम जैन ने कहा कि बीजेपी इस मामले में राजनीति कर रही है. ताकि इसका फायदा नगर परिषद चुनाव में हो सके.